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पैसा तो खूब है लेकिन नहीं चुका रहे लोन : मंत्री शिव प्रताप शुक्ल

नई दिल्ली : विलफुल डिफॉल्टर्स नहीं चुका रहे सरकारी बैंकों का 1.10 लाख करोड़ का लोन। अप्रैल 2017 से दिसंबर 2017 तक ऐसे विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या में 1.66 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जिन्होंने कर्ज चुकाने की क्षमता होने के बावजूद सरकारी बैंकों को कर्ज नहीं लौटाया है। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि सरकारी बैंकों से लिए हुए कर्ज, जिसे विलफुल डिफॉल्टर्स नहीं चुका पा रहे हैं, की कुल राशि 1,10,050 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि विलफुल डिफाल्टर्स की संख्या 9,063 थी। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 9 महीनों के दौरान विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या में 1.66 फीसदी का उछाल आया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के नियमों के अनुसार, ऐसे विलफुल डिफॉल्टर्स के खिलाफ दंड और आपराधिक कार्रवाई का प्रावधान हैं। बाजार नियामक सेबी ने विलफुल डिफॉल्टर्स के लिए कुछ नियम भी जारी किए हैं क्योंकि प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स फंड जुटाने के लिए कैपिटल मार्केट तक अपनी पहुंच बना रहे हैं। विलुप्त डिफॉल्टर्स को रेजल्युशन प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने के लिए दिवाला और दिवालियापन कोड 2016 में संशोधन प्रभावी कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि 31 दिसंबर 2017 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स के खिलाफ 2,108 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं। डिफॉल्टर्स से वसूली के लिए 8,462 मुकदमे दायर किए जा चुके हैं और वित्तीय संपत्ति और सुरक्षा ब्याज अधिनियम, 2002 के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण के लिए कार्रवाई शुरू की गई। यह कार्रवाई 6,962 विलफुल डिफॉल्टर्स के मामलों में की गई। वहीं पंजाब नैशनल बैंक के 12700 करोड़ के घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़ी 107 कंपनियों और 7 लिमिटेड लाइबिलिटी पाटर्नरशिप की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) कर रहा है। केंद्र ने सदन को यह भी जानकारी दी कि ईडी ने बैंक घोटाले के मामले में 2018 के पहले 2 महीनों में 7100 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां बरामद की है और 234 जगह तलाशी ली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा यह बताया। मंत्रालय ने नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच के सामने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ग्रुप से जुड़े व्यक्तियों, समूहों और उपक्रमों के खिलाफ याचिका दायर की है।

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