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प्रदेश के दस जिला अस्पताल शीघ्र बनेंगे मेडिकल कालेज : टंडन

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने विभाग की छह माह की उपलब्धियों पर डाला प्रकाश

लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के 5 जिलों बस्ती, फैजाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और बहराइच के जिला अस्पतालो को मेडिकल कालेज में परिवर्तित किया जाएगा इसके अलावा एटा, सुलतानपुर, देवरिया, मिर्जापुर और ललितपुर के जिला अस्पतालों को उच्चीकृत करके मेडिकल कालेज बनाने का प्रस्ताव भी केद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिसके स्वीकृत होने की पूरी संभावना है। श्री टंडन सचिवालय एनेक्सी में चिकित्सा शिक्षा विभाग की छह माह के कार्यो पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 के आधार पर वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए भारतीय चिकित्सा शिक्षा परिषद ने 133 पीजी सीटों की अनुमति दी है। नीट यूजी 2017 के आधार पर वर्तमान शैक्षणिक सत्र में राजकीय मेडिकल कालेजों में एम.बी.बी.एस पाठयक्रम की 2550 सीटों पर आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया सकुशल सम्पन्न हो गयी है। इसके बाद आन लाइन काउसंलिंग भी भारत सरकार ने करायी जिसमें 42 हजार अभ्यार्थियों ने पंजीकरण कराया। इस बार सभी सीट भर गयी जबकि पिछले साल 11 सौ सीटे रिक्त रह गयी थी। श्री टंडन ने कहा कि इस सत्र में केजीएमयू की बीडीएस पाठयक्रम की 51 सीटों पर प्रवेश हुए । जबकि निजी क्षेत्र के डेंटल कालेजों में वर्तमान में 2541 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है जबकि पिछले साल 792 सीटें खाली रह गयी थी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान मे एमबीबीएस की 150सीटों की मान्यता चिकित्सा शिक्षा परिषद ने दी है । यहां प्रवेश के बाद कक्षाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी अगले साल में सौ एमबीबीएस की सीटों में प्रवेश होगा। श्री टंडन ने कहाकि डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में चार सौ तथा 350 बेड लोहिया संयुक्त चिकित्सालय मे उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि लोहिया संस्थान में दो सौ बेड और उपलब्घ जल्दी कराए जाएगें इसी प्रकार संस्थान में 950 बेड हो जाएगं। उन्होंने कहा कि अभी एसजीपीजीआई में 950 बेड हैं लोहिया संस्थान और चिकित्सालय को उसका विकल्प बनाया जाएगा जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि मेडिकल कालेजों में उल्लेखनीय सुधार के लिए सरकार ने 13 मेडिकल कालेजों और दो संस्थानों में आधार भूत चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए पहली बार स्ट्रेटजी सेेल गठित किया है। जिसके लिए दस कमेटियां गठित की गयी हैं। यह टीम मेडिकल कालेजों में जाकर दो दिन रहकर निरीक्षण करेंगे और सुधार के लिए अपनी राय रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध कराएगें इसमें अगले माह तक सारी रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद सरकार चरण बद्ध तरीके से चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए उन रिपोर्ट को लागू किया जाएगा। उन्होेंने कहा कि सरकार प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों और संस्थानो ई हास्पिटल की व्यवस्था करेगी। इसके लिए पहले छह राजकीय मेडिकल कालेज और दो संस्थानों हास्पिटल मेनजमेंट  लागू करेगी इसके लिए दस करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है। इसमें एनआईसी का सहयोग लिया गया है।

श्री टंडन ने कहा कि एसजीपीजीआई में तीन विशिष्ट सुविधाएं लीवर ट्रांसप्लांट, रोबेटिक सर्जरी और इमरजेंसी मेडिसीन शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर एम्स की बाउण्ड्री वाल बनाने के लिए सरकार ने बिजली का स्वतंत्र फीडर और 36 करोड़ रूपए बजट मे रखे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों में चिकित्सकों के 17 प्रोफेसर, 27 सहायक प्रोफेसर, 83 अपर प्रोफेसर और 126 प्रवक्तओ के पद भरे जाएगें । यह पद कांट्रैक्ट से भरे जाएगें। इन डाक्टरों की आयु 65 साल से बढ़ाकर 70 साल तक कर दी गयी है। उन्होंने बतायाकि 49 प्रवक्ताओं के पद सीधे लोक सेवा आयेाग से भरे गए हैं। सरकार मेडिकल फैकल्टी को मजबूत करेगी और शिक्षा का स्तर बेहतर बनाएगी। श्री टंडन ने कहा कि मेडिकल कालेजों के डाक्टरों से जेनरिक दवा लिखने के लिए ही कहा गया है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू में ट्रांसप्लांट यूनिट और बर्न यूनिट मार्च 2018 तक काम करने लगेगी। श्री टंडन ने कहा कि राजधानी के कैंसर इंस्टीटयूट मे निदेशक की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। रेडियेशन यूनिट के लिए भाभा एटामिक संटर से अनुमति सरकार लेगी, उसके बाद यह यूनिट इस इंस्टीटयूट में शुरू हो जाएगी।

 

 

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