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प्ले कार्ड को लेकर एक नए विवाद में फंसे मुख्यमंत्री केजरीवाल!

ak cmनई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम प्ले कार्ड से लिखे जाने पर छिड़ा हुआ विवाद थमता दिखाई नहीं दे रहा है। शनिवार को जैसे ही कार्यक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं वैसे ही पूरे मामले ने विवाद का रूप धारण कर लिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर सरकारी कार्यक्रम में खुद की ब्रांडिग के आरोप लगने लगे। ‘आप’ और दिल्ली सरकार की तरफ से प्रोटोकॉल और पहले भी ऐसा होने की दलील दी गई लेकिन इसके बाद भी विवाद नहीं थमा। ‘आप’ के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने लिखा है कि ‘‘शीला दीक्षित ने भी ऐसा किया था। ये सफाई असली आरोप से भी बेकार है। क्या आम आदमी पार्टी दिल्ली ने कांग्रेस सरकार को रोल मॉडल मान लिया है?’’ ‘आप’ के पूर्व नेता प्रशांत भूषण ने भी आलोचना की।भाजपा और कांग्रेस के समर्थकों ने खुद का प्रमोशन कराने पर मुख्यमंत्री केजरीवाल की उत्तरी कोरिया के प्रमुख किम जोंग की उनसे तुलना कर डाली तो वहीं, कुछ ट्वीट में पूरे विवाद को देशभक्ति से जोड़ दिया। तजिंद्र पाल बग्गा ने लिखा है कि देशभक्त राष्ट्र को प्रमोट करते हैं, जबकि राजनेता खुद के प्रचार में लगे रहते हैं। विवाद यहीं नहीं थमा, कुछ ट्वीट में और तीखी आलोचना की गई। इनमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ‘इंडिपैंडैंस डे’ को ‘अरविंद डे’ बना डाला। तो वहीं, ‘आप’ वालंटियर ने खुद के प्रचार के आरोपों को पुराने कार्यक्रमों की तस्वीरों को ट्वीट करके बचाव किया।स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शनिवार को आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में बच्चों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम की आकृति में खड़ा करने पर छिड़े विवाद पर शाम को सी.एम. ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार इस परम्परा को खत्म करेगी। छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद मौजूद थे। विवाद को लेकर केजरीवाल ने कहा कि यह परम्परा पहले से चली आ रही है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि बच्चे क्या करने वाले हैं।

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