अजब-गजबउत्तर प्रदेशलखनऊ

बेची गयीं चीनी मिलों की वास्तविक कीमत का आकलन आयकर विभाग ही करे

lko high court हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बसपा सरकार में कौड़ियों के भाव बेची गयी २१ चीनी मिलों के मामले में मुख्य आयकर आयुक्त से कहा है कि वह एक माह में आकलन कर रिपोर्ट दें। पीठ ने जानना चाहा है कि बेची गयी चीनी मिलों की वास्तविक कीमत क्या थी तथा कितने कम दाम में बेचकर बसपा सरकार ने अपने चहेतों को कितना लाभ दिया। याची पत्रकार सच्चिदानन्द गुप्ता ने जनहित याचिका प्रस्तुत कर आरोप लगाया है कि २१ चीनी मिलों को बाजारू कीमत से बहुत कम दामों में बेचा गया। याचिका में मांग की गयी है कि इस कथित बड़े घोटाले की जांच सीबीआई से करायी जाए। याची की ओर से अधिवक्ता अखिलेश कालरा व गौरव मेहरोत्रा ने पक्ष रखा।
न्यायमूर्ति अब्दुल मतीन व न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह की खण्डपीठ ने यह आदेश जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिये। पिछले आदेश के तहत पीठ ने चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर को जिम्मेदारी दी थी कि वह चीनी मिलों का आकलन करे। लेकिन सुनवाई के समय अर्जी प्रस्तुत कर चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर की ओर से कहा गया है कि यह काम उनका नहीं है। इस पर पीठ ने पूछा कि चीनी मिलें भी टैक्स देती हैं तथा टैक्स से संबंधित सभी की सम्पत्ति का मूल्यांकन करने का दायित्व इनकम टैक्स विभाग का है। पीठ ने ताकीद किया कि अधिकारियों को अदालत के आदेश का पालन करना नैतिक कर्त्तव्य है इससे वह मुकर नहीं सकते।

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