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बैंकों, रेगुलेटर्स के फैसलों में भ्रष्टाचार, दखलंदाजी बीते दिनों की बात : पीएम नरेंद्र मोदी

pm-modi_650x400_71457767638एजेंसी/ नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IMF के कार्यक्रम एडवांसिंग एशिया में कहा कि बैंकों और रेगुलेटर्स के फ़ैसलों में भ्रष्टाचार और दख़लअंदाज़ी अब बीते दिनों की बात है। पीएम का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बैंकों के करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर उद्योगपति विजय माल्या विदेश चले गए हैं और उन्हें लोन देने को लेकर बैंकों पर सवाल उठ रहे हैं।

इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी आईएमएफ के कार्यक्रम एडवांसिंग एशिया में पीएम ने यह भी कहा कि भारत ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि लोकतंत्र और तेज रफ्तार आर्थिक विकास एक साथ मुमकिन नहीं हो सकता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और निवेश के शीर्ष पसंदीदा स्थलों में से एक है। यहां आर्थिक सुधार की गति सही दिशा में आगे बढ़ती रहेगी। भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से संयुक्त रूप से यहां आयोजित ‘एडवांसिंग एशिया’ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा एजेंडा सुधार से परिवर्तन तक है, जो पूरा होना अभी बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के कारण यहां उद्यमिता का भी विकास हो रहा है।

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड के साथ मंच साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार जारी हैं, पर ये अभी तक वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की वास्तविकताओं को दर्शा नहीं पाए हैं।

उन्होंने आईएमएफ द्वारा कोटा में बदलाव के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, मैं बहुत खुश हूं कि आईएमएफ ने अक्टूबर 2017 तक कोटा में अगले दौर के बदलावों को अंतिम रूप देने का फैसला किया है।

पीएम मोदी ने यह बात ऐसे समय में कही है, जबकि उनकी सरकार ने एक दिन पहले ही आईएमएफ में भारत का कोटा बढ़ाने की मांग करते हुए संसद में 69,575 करोड़ रुपये के अनुपूरक अनुदान की मांग को रखा है।

पीएम मोदी ने कहा कि कई लोगों ने कहा है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है और रहेगी और इसमें भारत का विशेष स्थान है। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद की एक किरण है। उन्होंने कहा, भारत ने इस मिथक को तोड़ा है कि लोकतंत्र और तेज आर्थिक विकास एक साथ नहीं चल सकते।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने यह दिखा दिया है कि उसकी तरह एक बड़ा और विविध देश भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामाजिक स्थिरता भी बनाए रख सकता है। मोदी ने कहा कि मैक्रो आर्थिक स्थिरता, भ्रष्टाचार समाप्त करने और बैंकों एवं नियामकों के फैसलों में हस्तक्षेप करने के साथ-साथ उनकी सरकार कृषि क्षेत्र में भी मदद कर रही है।

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