International News - अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटेन: सबसे कम बेरोजगारी के बावजूद बढ़ रही गरीबी, सरकार से कदम उठाने की मांग

लंदन: ब्रिटेन में सामाजिक परिवर्तन के लिए काम करने वाले एक संगठन ने शुक्रवार को कहा कि 45 सालों के दौरान देश में सबसे कम बेरोजगारी के बावजूद ब्रिटेन में श्रमिकों के बीच गरीबी बढ़ी है। संगठन ने सरकार से इसको लेकर कदम उठाने का आग्रह किया है।

जोसेफ रोनट्री फाउंडेशन ने कहा कि हालांकि रोजगार में वृद्धि हुई है, लेकिन काम में गरीबी भी बढ़ गई है। इसका कारण लोगों का वेतन कम होना है, काम के घंटों में कमी या दोनों ही इसके कारण हैं।

ब्रिटेन में गरीबी पर जेआरएफ (JRF) की ‘स्टेट ऑफ द नेशन’ रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया कि पिछले पांच वर्षों में बच्चों और पेंशनभोगियों के लिए गरीबी बढ़ी है। कुल मिलाकर, ब्रिटेन में 14 मिलियन (1.4 करोड़) लोग गरीबी में जी रहे हैं। जेआरएफ ने कहा, ‘नई सरकार के पास ऐतिहासिक प्रगति करने और लोगों और समुदायों को वास्तविक स्तर पर सक्षम बनाने के लिए बहुत अच्छा अवसर है।’

जेआरएफ के कार्यकारी निदेशक क्लेयर एंस्ले ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमने पहले भी प्रगति की है और हमें इस नई सरकार और ब्रेक्सिट के बाद एक बार फिर से ऐसा ही करना चाहिए। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी के दिसंबर में आम चुनाव जीतने के बाद ब्रेक्जिट का रास्ता आसान हुआ था।

हाल के आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि ब्रिटेन की बेरोजगारी दर 3.8 प्रतिशत है, जो 1975 के बाद का सबसे निचला स्तर है। रोजगार की दर रिकॉर्ड उच्च 76.3 प्रतिशत है। हालांकि जेआरएफ ने कहा कि गरीबी में 56 प्रतिशत लोग ब्रिटेन के कामकाजी परिवार से आते हैं, जबकि 20 साल पहले से आंकड़ा 39 प्रतिशत था।

बता दें कि ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन देशों के साथ अपना 47 साल पुराना रिश्ता खत्म कर लिया है। ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन ईयू से अलग होने वाला पहला देश बन गया। पीएम बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्जिट को एतिहासिक और नए युग की शुरूआत बताया था।

Related Articles

Back to top button