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बड़ी खुशखबरी: अब गोबर से भी पशुपालक कमा सकेंगे हर महीने हजारों रुपये

डेयरियों से रोजाना निकलने वाले टनों गोबर का इस्तेमाल न केवल खाद, बिजली और गैस बनाने में किया जाएगा, बल्कि इससे पशुपालकों को भी हर महीने हजारों रुपये का मुनाफा होगा। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इस दिशा में पहल करते हुए भलस्वा डेयरी में एक बायो मिथनाइजेशन प्लांट बनाने की दिशा में पहल की है। इसमें इस्तेमाल होने वाले प्रति टन गोबर के लिए पशुपालकों को 651 रुपये की कीमत चुकाने का प्रस्ताव हैं। इस परियोजना को हरी झंडी मिलने से सीवर जाम की समस्या से छुटकारा मिलने के साथ-साथ स्वच्छता अभियान को भी नई रफ्तार मिलेगी।बड़ी खुशखबरी: अब गोबर से भी पशुपालक कमा सकेंगे हर महीने हजारों रुपये

शुरुआती दौर में झड़ौदा और भलस्वा डेयरी में रोजाना पैदा होने वाले गोबर का इस प्लांट में इस्तेमाल किया जाएगा। इस परियोजना के लिए टेंडर जारी कर किए जाने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से जमीन मुहैया की जा रही है। निगम की स्थायी समिति की अगली बैठक में इस परियोजना को हरी झंडी मिल जाने की पूरी उम्मीद है।

डेम्स के डीआईसी देवेंद्र कुमार ने बताया कि भलस्वा डेयरी के पास प्लांट बनाने के लिए जमीन तय की जा चुकी है। टेंडर जारी होने के बाद प्लांट के संचालन के लिए एजेंसी को एकमुश्त तीन करोड़ रुपये अदा भी किए जाएंगे। दोनों डेयरियों से रोजाना औसतन 160 टन गोबर निकलता है, जिन्हें बायो मेथनॉइजेशन प्लांट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। पशुपालकों से खरीदने के एवज में उन्हें प्रति टन 651 रुपये एजेंसी द्वारा अदा किए जाने का प्रस्ताव है। गुरुवार को स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जिसे अगली बैठक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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