भगोड़ा विजय माल्या अभी भारत नहीं आएगा, यूके हाई कमीशन ने कही बड़ी बात
नई दिल्ली : भगोड़ा विजय माल्या की अपील को ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट से मिले इस झटके बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि अब कुछ ही दिनों में माल्या को भारत लाया जा सकता है क्योंकि उसके पास प्रत्यर्पण से बचने का और कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है. हालांकि अब विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर यूके हाई कमीशन ने कहा है कि एक और कानूनी मुद्दा सुलझाया जाना अभी बाकी है, जो गोपनीय है. इस लिहाज से अब माल्या के भारत आने की उम्मीद को करारा झटका लगा है. गौरतलब है कि लंदन हाईकोर्ट ने विजय माल्या की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की इजाज़त देने वाली याचिका खारिज़ कर दी है.
पिछले महीने यूके की हाईकोर्ट ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज़ कर दिया था. जिसके बाद विजय माल्या के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति लेने वाली याचिका के लिए 14 दिनों का समय था. लंदन हाईकोर्ट ने पिछले महीने 20 अप्रैल को फैसला सुनाया था.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि विजय माल्या ने भारतीय बैंकों को धोखा दिया है और उसे प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए. उस वक्त माल्या ने लोअर कोर्ट वेस्टमिनस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के प्रत्यर्पण के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन वहां भी उसे झटका लगा था. हाईकोर्ट की तरफ से याचिका खारिज होने के बाद ब्रिटेन के होम सेक्रेटरी को विजय माल्या के प्रत्यर्पण के पेपर पर 28 दिनों के भीतर दस्तखत करने होंगे. जिसके बाद लंदन होम ऑफिस भारत के अधिकारियों के साथ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करेगा. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही थी कि 28 दिनों के अंदर विजय माल्या को भारत लाया जा सकता है लेकिन अब यूके हाई कमीशन ने भारत को झटका देते हुए कहा है कि एक और कानूनी मुद्दा सुलझाया जाना अभी बाकी है, जो गोपनीय है.
माल्या को मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जा सकता है. वहीं माल्या को लाए जाने की खबरों के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद कर दी गई है. जेल परिसर के अंदर स्थित इस बैरक में माल्या को टाइट सिक्योरिटी के साथ रखा जाएगा. गौरतलब है अगस्त 2018 में विजय माल्या केस की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय जांच एजेंसियों से जानकारी मांगी थी कि विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पण के बाद किस जेल में रखा जाएगा.