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भारतीय विश्वविद्यालय संघ का 92वां अधिवेशन, दलाई लामा ने किया उदघाटन

वाराणसी : केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षण संस्थान सारनाथ में सोमवार से भारतीय विश्वविद्यालय संघ का 92वां अधिवेशन प्रारम्भ हो गया। 21 मार्च तक चलने वाले इस अधिवेशन का उदघाटन तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने किया। अधिवेशन में भारतीय विश्वविद्यालयों के 150 कुलपति और देश-विदेशों के कई शिक्षाविद् भाग ले रहे हैं। अधिवेशन में नवाचार, उद्यमशीलता और विघटनकारी तकनीकी युग में मानव मूल्यों के संदर्भ में उच्च शिक्षा विषयों पर विचार-विमर्श होगा।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष और एमिटी विश्वविद्यालय गुरुग्राम के कुलपति प्रोफेसर पीबी शर्मा ने बताया कि भारत के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष ए कस्तूरी के नेतृत्व में शिक्षा नीति तैयार हो रही है। तिब्बती संस्थान में होने वाले अधिवेशन की रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी। अधिवेशन से पूर्व बंगलुरू में शिक्षा नीति पर ए कस्तूरी से चर्चा हो चुकी है। कहा कि मानवीय मूल्यों को उच्च शिक्षा से जोड़ने का समय आ गया है। प्रो. फुरकान कमर ने कहा कि वर्तमान शैक्षिक पद्धति में पुरानी परंपरा को लाना होगा। अन्यथा मनुष्यों द्वारा किया जाने वाला 92 प्रतिशत कार्य मशीनें करेंगी। भारत युवा देश है, अब समय आ गया है कि हम इसका लाभ लें। भारत एक बार फिर से विश्वगुरु बने।
इससे पहले तिब्बती संस्थान के कुलपति प्रोफेसर गेशे नवांग सामतेंन ने बताया कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में हमारी परम्परागत नैतिकता, गुणवत्ता और व्यक्तित्व निर्माण केन्द्रीय शिक्षा प्रणाली कहां तक अपनी अस्मिता को अक्षुण बनाए रखने में सक्षम है यह उच्चशिक्षा प्रणाली के लिए विचारणीय है।

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