अजब-गजब

भारतीय वैज्ञानिकों ने उगाया शक्कर से 300 गुना ज्यादा मीठा फल

भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से अपने अनोखे कारनामे से दुनिया को चौंका दिया है। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा फल उगाया है जो शक्कर से 300 गुना ज्यादा मीठा बताया जा रहा है। भारतय वैज्ञानिकों के इस कारनामें को देख लोग हैरत में है। वैज्ञानिकों की इस सफलता के पीछे हर कोई तारीफ कर रहा है। ये अनोखा कारनामे IHBT और CSIR के वैज्ञानिकों ने कर दिखाया है। टीम ने सफलतापूर्वक चीनी मॉन्क फल उगा दी है। वैज्ञानिकों ने कहा कि जल्द ही इस फल से बने स्वीटनर्स बाजार में मिल जाएंगे।

बता दें कि भारत में करीब 6.2 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसे में अब भारतीय वैज्ञानिकों का ये कारनामा डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें चीनी से होने वाले कई तरह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए अब प्राकृतिक स्वीटनर एक विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश होने के साथ-साथ इसका सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। मीठा खाना और खिलाना भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारत में मीठे से ही शुभ काम की शुरुआत की जाती है।

इस हिसाब से देखा जाए तो ज्यादा मीठा खाना सेहत के लिए बड़ा नुकसानदायक भी है। चीन में पाए जाने वाले मॉन्क फल को डायबिटीज से पीड़ितों के लिए सुरक्षित माना जाता है, और वाकई यह बेहद फायदेमंद भी साबित हुआ है। यह भारत के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है, जो तेजी से दुनियाभर में डायबिटीज की राजधानी के रूप में जाना जा रहा है।

इस सबके बीच पहली बार वैज्ञानिकों ने भारतीय जमीन पर मॉन्क फल को उगाने में सफलता हासिल की है। लो हॉन गुयो के नाम से जाना जाने वाले इस छोटे से हरे फूट जैसे फल का नामकरण उन भिक्षुओं के नाम पर हुआ है जिन्होंने सबसे पहले इसे उगाया था। इसमें ऐसा प्राकृतिक यौगिक मौजूद है जो रक्त शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाता।

कम कैलोरी वाले स्वीटनर्स की बढ़ती हुई मांग के बीच मॉन्क फल के पास बाजार हिस्सेदारी का बेहद छोटा सा हिस्सा है – प्राकृतिक स्वीटनर्स के बाजार का सिर्फ 2.2 प्रतिशत हिस्सा। इसका सबसे बड़ा कारण है इसकी सीमित आपूर्ति। ऐसा अनुमान है कि 2016 के अंत तक मॉन्क फल 379.4 मिलियन रुपए से अधिक का व्यापार करने वाला फल होगा।

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