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भारत में दो दिन शानदार रहे, यहां लोग मोदी को बहुत प्यार करते हैं : डोनाल्ड ट्रम्प

नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान भी दिया। ट्रम्प ने कहा कि बीते 2 दिन शानदार रहे, खासकर कल मोटेरा स्टेडियम में। यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। वहां सवा लाख लोग थे। वे आपको बहुत प्यार करते हैं। मैंने जब भी मोदी का नाम लिया तो वे खुशी से चिल्लाने लगे। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके प्रतिनिधिमंडल का मैं स्वागत करता हूं। मैं जानता हूं कि इन दिनों ट्रम्प काफी व्यस्त हैं। आप भारत आए, इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। मोदी ने कहा, ‘‘3 साल में व्यापार में डबल डिजिट में बढ़ोतरी हुई है। जहां तक बाइलेटरल ट्रेड का सवाल है, दोनों देशों के बीच सकारात्मक वार्ताएं हुई हैं। हम एक बड़ी ट्रेड डील शुरू करने पर भी सहमत हुए हैं। इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। हम दोनों देश विश्व में कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में सहमत हैं। यह एक-दूसरे के नहीं, बल्कि दुनिया के हित में है।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके डेलिगेशन का स्वागत करता हूं। खुशी है कि वे अपने परिवार के साथ आए। बीते 8 महीनों में उनके साथ यह पांचवीं मुलाकात है। कल मोटेरा स्टेडियम में ट्रम्प का भव्य स्वागत याद रखा जाएगा। अमेरिका और भारत के संबंध सिर्फ दो सरकारों के बीच नहीं, पीपुल सेंट्रिक है। यह 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण स्थिति में हैं। संबंधों के इस मुकाम तक लाने में ट्रम्प का अमूल्य योगदान रहा है। आज चर्चा में हमने पार्टनरशिप के बारे में सकारात्मक विचार किया। रक्षा, तकनीक, ग्लोबल कनेक्टिविटी, ट्रेड या पीपुल टू पीपुल टाईअप। पिछले कुछ सालों में हमारी सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास में इजाफा हुआ है। आज होमलैंड में हुए समझौते से इसे बल मिलेगा। हमने आज आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों को और बढ़ाने का भी फैसला किया है। हमने ड्रग्स और नार्कोटिक्स रोकने के लिए भी बात की है। तेल और गैस के लिए भारत के लिए अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। फ्यूल हो या न्यूक्लियर एनर्जी, हमें नई ऊर्जा मिल रही है। कुछ देर में मोदी और ट्रम्प के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी। इस दौरान भारत-अमेरिका के बीच 6 करार हो सकते हैं। इसमें 21 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे सबसे अहम हैं। अहमदाबाद के ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद इसका ऐलान भी किया था। इसके अलावा भारत-अमेरिका के बीच परमाणु रिएक्टर से जुड़ा करार भी तय माना जा रहा है। इसके तहत अमेरिका भारत को 6 रिएक्टर सप्लाई करेगा। इसके बाद दोनों नेता संयुक्त बयान जारी करेंगे। अमेरिका से सी-हॉक हेलिकॉप्टटर्स खरीदने की चर्चा लंबे समय से चल रही है। यह डील तय मानी जा रही है। 21 हजार करोड़ के रक्षा सौदों में से सिर्फ इस डील पर करीब 18,626 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। नौसेना को 24 सी-हॉक हेलिकाप्टरों की जरूरत है। ये हेलिकॉप्टर्स हर मौसम में और दिन के किसी भी वक्त हमला करने में सक्षम हैं। छिपी हुई पनडुब्बियों को निशाना बनाने में इस हेलिकाप्टर का कोई मुकाबला नहीं है। चौथी जेनरेशन का यह हेलिकॉप्टर पूरी दुनिया में नौसेना के लिए सबसे एडवांस है। इस सौदे के अलावा भारत अमेरिका से 800 मिलियन डॉलर के 6 एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टर्स भी खरीद सकता है। इसके साथ ही भारत को अमेरिका मिसाइल डिफेंस शील्ड भी बेचने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह रूस की एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भारत में आने से रोक सके। हालांकि रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस पर कोई समझौता नहीं होगा। रूसी समझौते पर भारत कायम रहेगा। अमेरिका के वेस्टिंगहाउस और भारत के एनपीसीआईएल के बीच होने वाला यह समझौता भी लगभग तय है। ट्रम्प के भारत आने से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी कहा था कि न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए वेस्टिंगहाउस और एनपीसीआईएल के बीच बातचीत हुई है। हालांकि दोनों देशों में लायबिलिटी पॉलिसी को लेकर अब तक इस पर बात नहीं बन पाई। यानी किसी एटमी हादसे के वक्त जिम्मेदारी सप्लायर कंपनी की होगी या प्लांट के ऑपरेटर की, इस पर बातचीत फंसी हुई है।
दोनों देशों में व्यापार समझौते के आसार कम है। अमेरिका ने भारत को जीएसपी की सूची से हटा दिया था। जीएसपी के तहत अमेरिका को भारत 3,000 उत्पाद ड्यूटी फ्री निर्यात कर रहा था। इसमें आभूषण, चावल प्रमुख हैं। भारत चाहता है कि अमेरिका फिर से उसे जीएसपी सूची में रखे। इसके साथ ही भारत स्टील पर भी 25% शुल्क वृद्धि वापस लेने की बात रखेगा। भारत अमेरिका को 5,391 करोड़ रुपए का स्टील निर्यात करता था। शुल्क बढ़ने से यह आधा हो गया है। अमेरिका डेयरी उत्पाद भी भारत में बेचना चाहता है, लेकिन अमेरिका में गायों को मांसाहारी चारा खिलाया जाता है, इसलिए भारत को इस पर आपत्ति है। इसके अलावा अमेरिकी उत्पादों पर भारत में लगने वाला आयात शुल्क भी एक बड़ा मुद्दा हैं। इन तमाम मुद्दों पर बातचीत अभी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। हालांकि ट्रम्प के इस दौरे पर छोटे-मोटे व्यापार समझौते होने की उम्मीद की जा सकती है। इसमें आतंकवाद, धार्मिक सुरक्षा, कश्मीर मुद्दा, भारत-पाक के बीच तनाव और अफगानिस्तान जैसे मामले शामिल होंगे। भारतीय संविधान से धारा 370 हटने के बाद से कश्मीर की स्थिति पर भी चर्चा कर सकते हैं। ट्रम्प के दौरे से पहले ही व्हाइट हाउस के आधिकारिक सूत्रों से इस मसले पर अहम बातचीत की ओर इशारा कर दिया गया था। नागरिकता संशोधन कानून के बाद देश में मुस्लिमों में धार्मिक असुरक्षा की भावना का मुद्दा भी ट्रम्प उठा सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति को लंच देंगे। इसके ठीक बाद ट्रम्प यूएस एंबेसी में एक प्राइवेट समारोह का हिस्सा बनेंगे। इसमें वह उद्योगपतियों के साथ राउंडटेबल मीटिंग कर सकते हैं।

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