राष्ट्रीयसाहित्य

भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दे पर समाधानप्रेरक है पुस्तक ‘द ब्लैक टाइगर’: अन्ना हजारे

युवा लेखक सृजन पाल सिंह द्वारा भ्रष्टाचार पर लिखी किताब का विमोचन 

नई दिल्ली। देश के जाने-माने समाजसेवी अन्ना हजारे ने युवा लेखक सृजन पाल सिंह द्वारा भ्रष्टाचार पर लिखी किताब ‘द ब्लैक टाइगर’ का विमोचन डिप्टी-स्पीकर हाल, कॉस्टीटयूशन क्लब, रफी मार्ग में किया। डा. कलाम के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार करने के संकल्प के साथ यह किताब लिखी गयी है। यह अत्यन्त ही सामयिक तथा भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दे पर बहुत ही समाधानप्रेरक किताब है। इस किताब का प्रकाशन फिंगरप्रिंट पब्लिशिंग हाउस ने किया है। अन्ना हजारे ने कहा कि सृजनपाल सिंह की यह किताब समाज के हर तबके को प्रेरणा देगी। किताब में भ्रष्टाचार के तरीकों के अलावा उसे दूर करने के रास्ते भी सुझाएं हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार समाज में कैंसर की तरह है। इसे खत्म करने की जिम्मेदारी सबकी है। उन्होंने कहा कि किताब में न्याय व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार का जिक्र किया गया है। यह चिंता का विषय है। अगर न्याय व्यवस्था में ही भ्रष्टाचार हो तो लोगों की उम्मीद टूट जाएगी। क्योंकि उन्हें उस पर पूरा भरोसा होता है। काला धन वापस लाएंगे। उसे जनता के खातों में डालेंगे। इस पर सिर्फ बातें नहीं होनी चाहिए। दूसरे देश जो ऐसा कर चुके हैं उनसे सीखकर सरकार को असल में कोशिश करनी चाहिए। अन्ना हजारे ने कहा कि युवाओं को राजनीति में आने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैंने कठिन जीवन गुजार कर अपने आपको बेदाग रखा।

इस मौके पर किताब ‘द ब्लैक टाइगर’ के लेखक सृजनपाल सिंह ने कहा कि इसे लिखने के लिए उन्हें अन्ना आंदोलन से प्रेरणा मिली। वह भी आंदोलन की उस भीड़ के हिस्सा रहे हैं। ब्लैक टाइगर पर उन्होंने कहा कि टाइगर देश की पहचान है। भ्रष्टाचार के कारण देश का जो विकास रूका है। इसलिए इसका नाम ‘द ब्लैक टाइगर’ रखा। यह किताब   श्रीमती रचना पाल, पूर्व वरिष्ठ सदस्य, उपभोक्ता फोरम एवं आर.डी.पाल, पूर्व लोकपाल, विद्युत विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के सृजन पाल सिंह बड़े पुत्र हैं। किताब ‘द ब्लैक टाइगर’ के विमोचन के बाद उसे उनके माता-पिता ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उनके आवास पर जाकर सादर भेंट की। सृजन एक लेखक, सार्वजनिक एवं प्रखर वक्ता और सामाजिक उद्यमी है। सृजन का जन्म और उत्तर प्रदेश लखनऊ में हुआ है।

सृजन पाल सिंह इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ से एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएम) से प्रबंधन स्नातक हैं। जो लगातार भारत और दुनिया में सबसे अच्छे बिजनेस स्कूलों में से एक के रूप में क्रमबद्ध है। आपके लखनऊ स्थित आवास पर डा. अब्दुल कलाम ने स्वयं पधारकर परिवारजनों के साथ चाय का निमंत्रण स्वीकार करके अपना वादा निभाया था। वह डा. कलाम के सलाहकार रहे हैं। हाल ही में आपको लखनऊ में स्थापित होने वाले डा. एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी के स्टार्ट अप समिति का वाइस-जांसलर के साथ सदस्य बनाया गया। यह समिति स्टार्ट अप योजना के अन्तर्गत कार्य करने के इच्छुक युवाओं के प्रोजेक्टों को आर्थिक सहायता देने में सहयोग कर रही है। आईआईएम में श्री सृजन छात्र परिषद के अध्यक्ष थे और पुलिस, स्थानीय राजनीतिक संस्थानों और सांसदों, मनरेगा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, कई युवा संगठनों के साथ विभिन्न सामाजिक और विकासात्मक गतिविधियों और परियोजनाओं में लगे हुए थे। सृजन ने निर्वाचन क्षेत्र तैयार करने के लिए संसद के सदस्यों की सहायता की है प्रबंधन कार्यक्रम 2009 के स्नातक बैच के सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर छात्र के लिए उन्हें आईआईएम गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

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