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माफिया के लिए खौफ बन गई गांव की अनपढ़ बाबली

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
babaliजयपुर: शराब से एक आदमी का ही नहीं बल्कि पूरे परिवार का जीवन नष्ट हो जाता है। इसी के खिलाफ आवाज बुलंद कर एक महिला ने ऐसा आंदोलन खड़ा किया कि आज हर आदमी इससे खौफ खाता है। जयपुर के पाली जिले में रहने वाली अनपढ़ बाबली बाई आज शराब माफियाओं के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुकी है। अब तक सैकड़ों भट्ठियां तोड़कर लाखों लीटर वॉश जमीन पर बहाने वाली बाबली के सामने, शराब पीकर आने से लोग कतराते हैं। बाबली पाली जिले के बाली क्षेत्र में लुनावत फली ग्राम बोथरा की निवासी हैं। उसके इस ख़ास अभियान की शुरुआत आज से 2 साल पहले 2013 में शुरू हुई थी। तब इस पिछड़े इलाके में रोजगार का कोई साधन नहीं था। अधिकांश घरों में बनने वाली देसी शराब ही आजीविका का मुख्य साधन था। इसी बीच एक जहरीले जानवर ने काट लिया, जिसके कारण बाबली ने बिस्तर पकड़ लिया था। महीनों बाद धीरे-धीरे शरीर में फैले जहर कम होने के बाद वह खड़ी होने लायक बनी। हालांकि, बाबली आज भी उस दर्द का अहसास झेल रही है।
इस बीच बाबली के पति पर गाय ने हमला कर दिया। हमले के वक्त पति शराब के नशे में चूर था, इस वजह से खुद को बचा नहीं पाया। इससे उसकी एक आंख हमेशा के लिए खराब हो गई। पति की यह हालत होने पर बाबली ने अपने हाथ में लाठी थाम लिया। और फिर वह खौफ बनकर अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ खड़ी हो गई। उसके हौसले की वजह से कुछ ही महीनों में सैकड़ों दूसरी महिलाएं भी साथ खड़ी हो गई। इन महिलाओं ने चंद महीनों के भीतर गांव-गांव पहुंचकर शराब के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया। और आज कोई भी आदमी शराब पीकर इनके सामने आने से खौफ खाते है।

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