उत्तर प्रदेशराज्य

मायावती के साथ आए माफिया मुख्तार, बसपा में कौएद का विलय

सपा में विलय रद्द होने के बाद आखिरकार माफिया मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय हो गया। इसकी घोषणा खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ने की।मायावती ने इसके साथ ही टिकट की भी घोषणा कर दी। मुख्तार को मऊ सदर(मौजूदा विधायक), उनके बेटे अब्बास अंसारी को घोषी से व उनके भाई सिगबतुल्लाह (मौजूदा विधायक) को गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से ‌टिकट दिया गया।
मायावती ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि अंसारी परिवार पर राजनैतिक द्वेष के चलते उनके खिलाफ मुकदमें दर्ज करवाए गए हैं। इसका प्रमुख कारण पूर्वांचल में बढ़ता हुआ इनका राजनीतिक कद है।मायावती ने कहा कि इसके पहले भी मुख्तार के परिवार को बसपा में शामिल किया गया था और उनके पूरे परिवार ने बसपा के झंडे व बैनर तले विधानसभा व लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में सपा के दबाव के कारण उन्हें बसपा से अलग किया गया, जिसका उन्हें पश्चाताप भी है।

मायावती ने कहा कि अंसारी परिवार को पूर्वांचल के कृष्‍णानंद राय की हत्या से जोड़कर देखा जाता है जो कि सपा सरकार के कार्यकाल में हुई जिसकी ‌सीबीआई जांच भी हुई है। इसमें आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटाए जा सके हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अंसारी परिवार को बसपा में शामिल करने का फैसला किया गया है।

दलित-मुस्लिम पर टिकी है बसपा की रणनीति

इसके पहले मायावती ने मऊ की दो व गाजीपुर की एक सीट पर पूर्व में घोषित प्रत्याशियों के टिकट वापस ले लिए। जानकार बताते हैं कि सपा व कांग्रेस के बीच गठबंधन के बाद मुस्लिम मतदाताओं में बिखराव की संभावना बढ़ गई है। बसपा की पूरी रणनीति ही दलित-मुस्लिम एकजुटता पर टिकी है।ऐसे में बसपा मुस्लिम मतदाताओं का ठोस समर्थन पाने के लिए नई रणनीति पर जुटी है। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी व उनके परिवार को बसपा में शामिल कराना इसी रणनीति का हिस्सा है।

इसके लिए मायावती ने मऊ जिले की मऊ व घोसी सीट के पूर्व घोषित प्रत्याशियों का टिकट वापस ले लिया । मऊ के प्रत्याशी मनोज कुमार राय, घोसी के प्रत्याशी वसीम इकबाल व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से प्रत्याशी विनोद कुमार राय ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में स्वीकार किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें अलग-अलग बुलाया था और टिकट वापस लेने की जानकारी दे दी है।

अलग रणनीति बनाने में जुटे हैं प्रत्याशी

सूत्रों का कहना है कि जिन प्रत्याशियों का टिकट वापस लिया गया है, उनमें मनोज राय व विनोद राय अपने-अपने समर्थकों से बात कर अगली रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वजह, इन दोनों की राजनीति ही अंसारी परिवार के खिलाफ सियासत की रही है। ये अगला क्या कदम उठाते हैं, इस पर लोगों की नजरें टिकी होंगी।
इसके अलावा सियासी गलियारों में दो पूर्व मंत्रियों व और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के भी बसपा से तार जोड़े जाने की अटकलें हैं। बसपा के सूत्र इनके संपर्क में होने से इन्कार नहीं कर रहे हैं।

मुस्लिम प्रत्याशियों का शतक पूरा करेगी बसपा

मायावती ने 97 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारने का एलान किया था। मुख्तार अंसारी, उनके बेटे अब्बास अंसारी और भाई सिगबतुल्ला अंसारी को टिकट देने के बाद मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या 100 हो जाएगी।
यह कुल विधानसभा क्षेत्रों की करीब 25 फीसदी हो जाएगी। विधानसभा चुनाव में इतनी बड़ी तादाद में इसके पहले शायद ही कभी किसी दल ने ‌मु‌स्लिमों को प्रत्याशी बनाया होगा। यह संख्या सूबे में मुस्लिम आबादी के अनुपात में ज्यादा होगी।

समीकरण बदलने से टिकट वापस

मऊ सदर के प्रत्याशी मनोज कुमार राय ने बताया कि बहनजी से मंगलवार को मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा-प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदले हैं। इसकी वजह से वह उनका टिकट वापस ले रही हैं।
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी जगह किसे टिकट देंगी। राय ने बताया कि बहनजी ने टिकट दिया था, वह वापस ले सकती हैं। यह उनका अधिकार है। बताते चलें, मुख्तार अंसारी मऊ सदर से सिटिंग विधायक हैं।

घोसी से अब्बास अंसारी को देंगे टिकट

वसीम इकबाल ने बताया कि उन्हें मंगलवार को लखनऊ कार्यालय से निर्देश मिला था कि बुधवार को पहुंचना है। बुधवार को पहुंचा तो बहनजी से मुलाकात कराई र्गई। बहनजी ने कहा -तुम चुनाव लड़ने में असमर्थ हो, मुझे सरकार बनानी है।
तुम्हारा टिकट वापस लिया जा रहा है। घोसी से टिकट अब्बास अंसारी को दिया जाएगा। अब्बास, विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। मैंने बहनजी को आश्वस्त किया कि वह पार्टी के साथ हैं। वह स्वार्थ में चुनाव लड़ने नहीं आए थे। चुनाव में पूरी मदद करेंगे।

मोहम्मदाबाद से अल्पसंख्यक को लड़ाना है 

गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद से मुख्तार के भाई सिगबतउल्ला सिटिंग विधायक हैं। यहां से बसपा ने विनोद कुमार राय को प्रत्याशी घोषित कर रखा है। विनोद ने बताया कि बहनजी से मुलाकात हुई।उन्होंने कहा कि उनका टिकट वापस लिया जा रहा है। मैंने वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि मोहम्मदाबाद सीट से किसी अल्पसंख्यक को लड़ाना है।
विनोद ने कहा, मैंने बहनजी से यह भी कहा कि आपकी सोच गुंडों-माफियाओं के खिलाफ रही है। तो उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का गठबंधन हुआ है। अल्पसंख्यकों को संदेश देने के लिए यह जरूरी हो गया है।

Related Articles

Back to top button