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मुलायम ने खुद ही संभाली जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की कमान

mulayam-singh-yadav-564f71d470993_exlstजिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी में चल रही उठापटक को थामने की कवायद तेज हो गई है।

गुटबंदी वाले जिलों में प्रभारी तैनात करने के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने खुद चुनावों पर नजर गड़ा दी है। उन्होंने पार्टी नेताओं को इस संबंध में जरूरी निर्देश देने प्रारंभ कर दिए हैं।

सपा ने अधिक से अधिक जिला पंचायत अध्यक्षों को जिताने की रणनीति तैयार की है और सभी जिलों में प्रत्याशी उतार रही है। सहारनपुर को छोड़कर शेष जिलों में उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। कोशिश है कि कुछ जगह निर्विरोध निर्वाचन हो जाए। इस काम में सपा के ‘अपने’ ही बाधक बने हुए हैं।

अधिकतर जिलों में सपा की गुटबंदी मुखर है। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को लेकर सपा नेता आमने-सामने हैं। कुछ जगह अधिकृत और बागी उम्मीद्वारों के बीच मुकाबला है। जहां खेमेबंदी थमने का नाम नहीं ले रही या प्रत्याशी कमजोर पड़ रहा है, वहां उम्मीदवार बदले जा रहे हैं।

ताजा मामला गोंडा और बांदा का है। बांदा में पूर्व घोषित प्रत्याशी दीपा सिंह गौर की जगह बालू कारोबारी प्रकाश द्विवेदी की पत्नी सरिता द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया गया है।

इसी तरह गोंडा में पूर्व घोषित उम्मीदवार, पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह की पत्नी विजयलक्ष्मी सिंह को बदल दिया है। उनके स्थान पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह की पुत्रवधु को चुनाव लड़ाने की तैयारी है।

सपा ने गुटबंदी रोकने और प्रत्याशियों की जीत तय करने के लिए कई जिलों में वरिष्ठ नेताओं व मंत्रियों को प्रभारी बनाकर भेजा है। मुलायम सिंह यादव खुद भी सक्रिय हो गए हैं।

उन्होंने उन जिले के नेताओं को टेलीफोन पर निर्देश देना शुरू कर दिया है जहां ज्यादा दिक्कत आ रही है।

उन्होंने पश्चिमी यूपी के एक मंत्री को फोन करके चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की मदद करने के लिए कहा। उन्होंने सपा मुख्यालय में प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों की समस्याएं सुनने की व्यवस्था बनाई है।

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