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मोदी की रैली पर रार, आयोग ने दी सफाई

samवाराणसी/नई दिल्ली। चुनावी महासमर बीच मोक्षभूमि काशी के एक संवेदनशील इलाके में नरेंद्र मोदी की रैली की अनुमति न मिलने से खफा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को लंका चौक पर धरना दिया। अन्य दलों ने कहा कि भाजपा बेवजह तनाव पैदा कर रही है। निर्वाचन आयोग ने अपने उठाए कदम पर सफाई दी।बेनियाबाग में रैली की अनुमति नहीं मिलने पर रोहनिया में एक रैली को संबोधित करने गुरुवार शाम नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचे। इससे पहले पूर्वा? 11 बजे से अपरा? दो बजे तक भाजपा नेताओं ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार के सामने लंका चौक पर और जिला दंडाधिकारी के कार्यालय पर धरना दिया। बड़ी संख्या में जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं ने तीन घंटे प्रदर्शन किया।धरने पर पार्टी नेता अरुण जेटली व अमित शाह सहित सैकड़ों समर्थक मौजूद थे। लंका चौक पर निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद धरना चला। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की  मगर वीडियोग्राफी जरूर कराई गई।  अरुण जेटली ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों में भी रैलियों के लिए इजाजत मिल जाती है लेकिन वाराणसी में प्रशासन मोदी को सुरक्षित नहीं मान रहा है। जेटली ने कहा  ‘‘बड़ी हैरानी की बात है कि काशी सुरक्षित नहीं है। लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी उम्मीदवार को उसके इलाके में ही रैली की मंजूरी नहीं दी जा रही है।’’ जेटली ने वाराणसी के जिला दंडाधिकारी प्रांजल यादव पर राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।भाजपा की ओर से निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जाने के प्रत्युत्तर में मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. संपत ने गुरुवार को कहा कि भाजपा के मुख्य प्रचारक नरेंद्र मोदी को वाराणसी के एक खास इलाके में सुरक्षा कारणों से रैली करने की अनुमति नहीं दी गई।नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संपत ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ‘सभी आरोपों और निष्पक्षता न बरते जाने संबंधी बयानों’ को खारिज करता है।इधर नई दिल्ली में भी भाजपा नेता हर्षवर्धन के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।वाराणसी में हजारों प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण रखने के लिए प्रशासन ने पुलिस और अद्र्धसैनिक बलों के हजारों कर्मियों को तैनात रखा था। मोदी ने भी कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की थी।वाराणसी में गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी का मुकाबला दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल से है।मोदी अपने गृह प्रदेश के वडोदरा से भी चुनाव लड़ रहे हैं  जहां 3० अप्रैल को मतदान हो चुका है। वाराणसी में मतदान 12 मई को है।  इस बीच केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी पर गंगा आरती के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरती के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं होती। भाजपा प्रतिदिन होने वाले इस धार्मिक अनुष्ठान पर खामखा राजनीति कर रही है। केजरीवाल कहा  ‘‘निर्वाचन आयोग से धार्मिक कार्य के लिए किसी तरह की इजाजत की जरूरत नहीं होती। अनुमति सिर्फ राजनीतिक गतिविधि के लिए जरूरी होती है। भाजपा को हर मौके का राजनीतिक लाभ लेने की आदत पड़ गई है।’’ केजरीवाल ने यह भी जानना चाहा कि भाजपा के कई वरिष्ठ नेता क्यों धरने पर क्यों बैठे? इनका सीधा मकसद था सोमवार को वाराणसी में होने वाले मतदान से पहले मीडिया में सुर्खियां बनाना। आप नेता ने कहा कि गुरुवार को रैली करने के लिए वाराणसी प्रशासन ने भाजपा से दो में से एक स्थान बदलने को कहा था  लेकिन भाजपा मुस्लिम बहुल इलाके बेनियाबाग में रैली करने पर अड़ी रही। इससे स्पष्ट है कि भाजपा लोगों का दिल जीतने के बजाय ध्रुवीकरण की चाल चलकर जीतना चाहती है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि  वह गंगा आरती के मुद्दे का बेवजह राजनीतिकरण कर रहे हैं।

देवरिया जिले के सलेमपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा  ‘‘मोदी और भाजपा के लोग नौटंकी करके वाराणसी का माहौल खराब कर रहे हैं। जनता सब देख रही है। सांप्रदायिकता फैलाकर सत्ता पाने की कोशिश कर रही भाजपा को वाराणसी के लोग 12 मई को चुनाव में सबक सिखाएंगे।’’

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