उत्तर प्रदेशलखनऊ

यूपी :सभी फाइलों पर सीएम के दस्तखत होने चाहिए या नहीं, प्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त किया

akhilesh-yadav-up-swearing-in-pti_650x400_41467015758नई दिल्ली: यूपी में सभी फाइलों पर मुख्यमंत्री के साइन होने चाहिए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की मदद के लिए वरिष्ठ वकील अनिल दीवान को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सितंबर के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा।

गुरुवार को हुई सुनवाई में यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य में सालभर में करीब 58 हजार मामलों की फाइलें आती हैं। ऐसे में सीएम के लिए सभी फाइलों पर साइन करना संभव नहीं है। अगर ऐसा करेंगे तो राज्य में विकास के कामों में दिक्कत होगी।

यूपी सरकार के वकील ने कहा कि इस संबंध में जनहित याचिका दाखिल करने वाली नूतन ठाकुर आदतन मुकदमेबाज हैं और उन्होंने इसी तरह सरकार के खिलाफ 86 याचिकाएं दाखिल की हैं। इसलिए या तो मामले को वापस हाईकोर्ट भेजा जाए या एमिक्स नियुक्त किया जाए।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि मुख्यमंत्री कार्यालय जाने वाली हर फाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं होता ज्यादातर फाइलों में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव या सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। हाईकोर्ट ने ये मसला बड़ी पीठ को विचार के लिए भेज दिया था। जिसके खिलाफ प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट आई है। कोर्ट ने शुरुआती सुनवाई में ही हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी

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