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ये ‘कैन डू जेनरेशन’ है, हर लक्ष्य हासिल कर सकती, PM मोदी के भाषण की मुख्य बातें

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नए भारत के संकल्पों एवं देश को नई ऊंचाई पर ले जाने के रास्ते बताए। स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों को यादि करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी एक साथ प्रयास कर देश को नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने देश की चुनौतियों के बारे में उल्लंख किया और यह भी बताया कि देश कैसे प्रगति एवं विकास के रास्ते पर तेजी के साथ आगे बढ़ सकता है। प्रधानमंत्री ने आने वाले समय के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया। अपने 88 मिनट के भाषण में देश से जुड़े सभी मुद्दों पर अपने विचार रखे।

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

आज हम संकल्प लें कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर हम देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे। साल 2030 तक भारतीय रेलवे ट्रैक का सौ फीसदी विद्युत संचालन से जुड़ जाएगा। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी।

एक समय था जब खेल को उतना महत्व नहीं दिया जाता था। माता-पिता अपने बच्चों से कहते थे कि खेलने से उनका भविष्य खराब होगा लेकिन अब खेल और फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इसका अनुभव हमें इस बार ओलंपिक में हुआ है।

बड़े बदलाव लाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। आज दुनिया देख सकती है भारत में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है। सुधार लाने के लिए अच्छा एवं स्मार्ट गर्वनेंस की जरूरत होती है।

पीएम ने कहा कि 21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है। हमारी प्राणशक्ति, राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना है।

मैं भविष्य़दृष्टा नहीं हूं, मैं कर्म के फल पर विश्वास रखता हूं। मेरा विश्वास देश के युवाओं पर है। मेरा विश्वास देश की बहनों-बेटियों, देश के किसानों, देश के प्रोफेशनल्स पर है। ये ‘कैन डू जेनरेशन’ है, ये हर लक्ष्य हासिल कर सकती है।

जिन संकल्पों का बीड़ा आज देश ने उठाया है, उन्हें पूरा करने के लिए देश के हर जन को उनसे जुड़ना होगा, हर देशवासी को इसे स्वीकार करना होगा। देश ने जल संरक्षण का अभियान शुरू किया है, तो हमारा कर्तव्य है पानी बचाने को अपनी आदत से जोड़ना।

आज दुनिया, भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है।

अनुच्छेद 370 को बदलने का ऐतिहासिक फैसला हो, देश को टैक्स के जाल से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था- GST हो, हमारे फौजी साथियों के लिए वन रैंक वन पेंशन हो, या फिर रामजन्मभूमि केस का शांतिपूर्ण समाधान, ये सब हमने बीते कुछ वर्षों में सच होते देखा है।

देश के सभी मैन्यूफैक्चर्स को भी ये समझना होगा। आप जो उत्पाद बाहर भेजते हैं वो आपकी कंपनी में बनाया हुआ सिर्फ एक उत्पाद नहीं होता। उसके साथ भारत की पहचान जुड़ी होती है, प्रतिष्ठा जुड़ी होती है, भारत के कोटि-कोटि लोगों का विश्वास जुड़ा होता है।

भारत को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में होलिस्टिक अप्रोच अपनाने की भी जरूरत है। भारत आने वाले कुछ ही समय में प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान को लॉन्च करने जा रहा है।

देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी। आज जिस गति से देश में नए एयरपोर्टस का निर्माण हो रहा है, उड़ान योजना दूर-दराज के इलाकों को जोड़ रही है, वो भी अभूतपूर्व है।

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