उत्तर प्रदेशराज्य

सार्वजनिक रूप से जुआ खेलने वालों पर कसा शिकंजा, तीन साल की हो सकती है सजा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब सख्त कानून के साथ सार्वजनिक रूप से जुए पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है. ऐसा कहा जा रहा है कि इसको लेकर सरकार काफी गंभीर है और इसके लिए जल्दी ही एक कड़ा कानून लेकर आएगी. इसमें तीन साल तक की सजा हो सकती है.

राज्य विधि आयोग ने तैयार किया नए कानून के लिए मसौदा तैयार 
राज्य विधि आयोग ने एक नए कानून के लिए मसौदा तैयार किया है जो सार्वजनिक जुए को प्रतिबंधित करता है. इसमें ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी के विभिन्न रूप शामिल हैं, उन्हें गैर जमानती अपराधों की श्रेणी में रखने का प्रावधान किया गया है. रिपोर्ट को इस सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री को सौंपा गया था. इस नए कानून का मसौदा ऑनलाइन जुए के तेजी से बढ़ते हुए स्वरूप को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.

बिल में अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान
सार्वजनिक जुआ अधिनियम, वर्तमान में सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत केवल एक साल के कारावास और 1 हजार रुपये के जुर्माने की सजा है. अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक दंडात्मक प्रावधान ऑनलाइन जुए को रोकने के लिए काफी नहीं है. बिल में अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है. राज्य में जुआघरों और सट्टेबाजों का संचालन करने वाले कार्टेल की कड़ी को तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं.

जुर्माने की राशि बढ़ाने की सिफारिश
आयोग ने सजा को एक साल और जुर्माने को बढ़ाकर 5 हजार रुपये करने की सिफारिश की है. इसमें ऑनलाइन जुआ, घर में जुआ संचालन और सट्टेबाजी को गैर जमानती अपराध बनाने की सिफारिश भी है. पुलिस को और ज्यादा ताकत देने के लिए नया कानून तैयार किया गया है. गेम ऑफ स्किल के तहत खेले जाने वाले कार्ड गेम दंडनीय नहीं होंगे.

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