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रायपुर में युवकों ने चर्च में तोड़फोड़ और मारपीट की, पांच गिरफ्तार

105669-466978-church-vandalisedरायपुर: रायपुर शहर के बाहरी हिस्से में स्थित कचना गांव में सिर पर भगवा पट्टी बांधे 15 से 20 युवकों के एक समूह ने एक चर्च परिसर में घुसकर कथित तौर पर तोड़-फोड़ की और वहां मौजूद लोगों के साथ मारपीट की। घटना के वक्त चर्च में रविवार की प्रार्थना चल रही थी। हमलावर कथित तौर पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठन बजरंग दल के सदस्य थे। रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्राकर ने बताया कि इस सिलसिले में पांच युवक गिरफ्तार किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरूण पन्नालाल ने आरोप लगाया कि नारेबाजी कर रहे हमलावर बजरंग दल के सदस्य थे और उन्होंने महिलाओं और एक नवजात तक को भी नहीं बख्शा, जबकि रायपुर की पुलिस उनकी पहचान के बारे में चुप्पी साधे हुए है। चंद्राकर ने कहा, ‘तकरीबन 15 से 20 युवक उस वक्त कचना गांव में स्थित चर्च परिसर में घुस गए जब वहां प्रार्थना चल रही थी।’ चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने परिसर में कुर्सियां, पंखे और अन्य वस्तुओं को क्षति पहुंचाई और वहां मौजूद लोगों के साथ मारपीट की। एएसपी ने बताया कि आरोपियों ने अपने माथे पर कथित तौर पर भगवा पट्टी बांध रखी थी। पुलिस के पहुंचने पर वे घटनास्थल से भाग गए।

उन्होंने बताया कि पीड़ितों की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 452 (चोट पहुंचाने के लिए तैयारी के बाद घर में अनधिकार प्रवेश), धारा 295 (किसी वर्ग के धर्म को अपमानित करने की मंशा से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाने या विरूपित करना) और धारा 147 (दंगा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों की तीन मोटरसाइकिलों को घटनास्थल से जब्त कर लिया गया है। उपद्रवियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पन्नालाल ने दावा किया कि ईसाइयों के पूजा स्थल पर राज्य में पिछले एक महीने में यह चौथा हमला है। पन्नालाल ने कहा, ‘माथे पर भगवा पट्टी बांधे तकरीबन 15 से 20 लोग उस वक्त चर्च में घुस गए जब दोपहर करीब 12 बजे रविवार की प्रार्थना चल रही थी और उन्होंने परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने कुर्सियों और पंखों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। उन्होंने महिलाओं को भी नहीं बख्शा और उनके कपड़े भी फाड़ दिए। उन्होंने एक शिशु के साथ मारपीट की। ’ हमलावरों को यह आरोप लगाते सुना गया कि गिरजाघर में लोगों का धर्मांतरण किया जा रहा है। धर्मांतरण के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, ‘गांव के दलित परिवारों के 40 से 50 लोगों के समूह ने टिन की छत के नीचे एक चर्च स्थापित किया है, जहां हर रविवार को वे प्रार्थना करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम पुलिस के शुक्रगुजार हैं कि वह तत्काल पहुंची और जरूरी कार्रवाई की।’

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