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राहुल गांधी ने दी बधाई LGBT प्राइड मंथ की बधाई, कहा- प्यार प्यार होता है

नई दिल्ली। समलैंकिता को समाज में सम्मान और समान अधिकारी दिलाने के लिए लंबे समय तक लड़ाई लड़ी गई।अमेरिकाके प्रैंक केमनी ने लंबे समय तक एलजीबीटी के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और अब इसे एक अलग पहचान मिल गई है। हर साल जून माह को प्राइड मंथ के रूप में मनाया जाता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने भी एलजीबीटी प्राइड मंथ की लोगों को बधाई दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके प्राइड मंथ की लोगों को बधाई दी। राहुल गांधी ने लिखा, शांतिपूर्ण लोगों की पसंद का सम्मान होना चाहिए, प्यार प्यार होता है। इस कमेंट के साथ राहुल गांधी ने रेनबो फ्लैग शेयर किया है। शायद ऐसा पहली बार है जब भारत में इतने शीर्ष स्तर के नेता ने एलजीबीटी समुदाय के पक्ष में खुलकर अपनी राय रखी है और सोशल मीडिया पर इसे साझा भी किया है। राहुल गांधी के इस पोस्ट की काफी तारीफ हो रही है। लाखों लोगों ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

अमेरिका के एस्ट्रोनॉमर फ्रैंक केमनी खुद समलैंगिक थे और उन्होंने एलजीबीटी समुदाय के लिए लड़ाई लड़ी थी। जिस तरह से दुनियाभर में समलैंगिकों को गलत नजर से देखा जाता था उसके खिलाफ केमनी ने अभियान चलाया था। अहम बात यह है कि समलैंगिक होने की वजह से केमनी को नौकरी से निकाल दिया गया था। लेकिन बावजूद इसके फ्रैंक ने अपनी पहचान को नहीं छिपाया और समलैंगिकों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, यही नहीं 1960 में उन्होंने व्हाइट हाउस के बाहर समलैंगिकों के अधिकार के लिए प्रदर्शन भी किया। जिस तरह से फ्रैंक को धीरे-धीरे लोगों का समर्थन मिलना शुरू हुआ उसके बाद अमेरिकी सरकार को एलजीबीटी समुदाय की मांग के सामने झुकना पड़ा और उसके बाद जून माह को प्राइड मंथ के रूप में मनाया जाता है।

गूगल ने भी फ्रैंक के सम्मान में डूडल को समर्पित किया था। गूगल ने अपने डूडल में लिखा, फ्रैंक अमेरिका में एलजीबीटीक्यू समुदाय के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले प्रमुख व्यक्ति हैं,आपका शुक्रिया, आपने हिम्म के साथ आने वाले दशक का रास्ता तैयार किया। बता दें के केमनी का जन्म 21 मई 1925 को न्यूयॉर्क में हुआ था। केमनी ने द्वितीय विश्व युद्ध में भी हिस्सा लिया था। हॉर्वर्ड युनिवर्सिटी से उन्होंने डॉक्टरेट की पढ़ाई एस्ट्रॉनोमी से की। जिसके बाद आर्मी मैप सर्विस में उन्होंने नौकरी की लेकिन समलैंगिक होने की वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। नौकरी से निकाले जाने के 50 साल बाद अमेरिकी सरकार ने आधिकारिक रूप से केमनी से माफी मांगी। जून 2010 को वॉशिंगटन डीसी में एक सड़क का नाम फ्रैंक केमनी वे रखा गया। अक्टूबर 2011 को केमनी का निधन हो गया।

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