National News - राष्ट्रीयPolitical News - राजनीतिफीचर्ड

विधानसभा चुनावों में 4-0 से जीती भाजपा

bj1नई दिल्ली । वर्ष 2०14 के लोकसभा चुनाव के पूर्व ‘सेमीफाइनल’ माने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चार शून्य से विजयी रही। पार्टी को जहां मध्य प्रदेश  छत्तीगढ़ में अपनी सत्ता बरकरार रखने में कामयाबी मिली वहीं राजस्थान में वह कांग्रेस से सत्ता झटकने में सफल हो गई। रविवार को आए परिणाम में दिल्ली का परिणाम हालांकि राजनीतिक दलों को असहज बना गया जहां नवगठित पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) ने अप्रत्याशित प्रदर्शन दिखाया है। कांग्रेस के लिए दिल्ली के अलावा राजस्थान में मिली पराजय शर्मनाक रही है। पार्टी केवल छत्तीसगढ़ में ही कांटे की टक्कर दे पाई। परिणाम आने के बाद उदास और भरे मन से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा  ‘‘यह गंभीर आत्मालोचन की मांग करता है।’’ उन्होंने कहा  ‘‘हमें इस पराजय के विभिन्न कारणों को समझना होगा।’’ उधर  कांग्रेस का दावा है कि यह जनादेश राष्ट्रीय नेतृत्व के बारे में नहीं है। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इस बात को याद रखना चाहिए कि इन सभी पांचों राज्यों में लोकसभा की 543 सीटों में से केवल 73 सीटें हैं। वहीं  अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मोदी की वोट बटोरने की क्षमता इन चुनावों में नहीं चली। भाजपा छत्तीसगढ़ में पिछड़ी है और दिल्ली में पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। लेकिन भाजपा ने कांग्रेस की इस दलील को खारिज किया। पार्टी की नेता और सांसद स्मृति ईरानी ने कहा कि यह कांग्रेस विरोधी लहर और पार्टी की शीर्ष नेता सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ लोगों का जनादेश है। भाजपा की प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि जनता ने कांग्रेस के विरोधी में मत दिया है। यह मोदी का भी प्रभाव है। भाजपा का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन राजस्थान में रहा जहां पार्टी पांच वर्ष बाद जोरदार बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है। 2०० सदस्यों वाली विधानसभा के 199 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 162 सीटें और कांग्रेस को महज 21 सीटें ही मिल पाई।

कांग्रेस को इससे पहले 1977 में करारी शिकश्त का सामना करना पड़ा था। तब उसे 41 सीटें मिली थी। मध्य प्रदेश में 23० सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 165 सीटें मिली हैं। वर्ष 2००8 के चुनाव में पार्टी को 143 सीटें मिल पाई थी। इसके विपरीत कांग्रेस पिछली बार के 71 सीटों के मुकाबले इस बार 58 सीटें ही जीत पाई। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने शुरू में कांटे की टक्कर दी और एक समय ऐसा भी आया जब कांग्रसियों को अपनी सरकार बनती दिखी और पार्टी कार्यकर्ता जश्न मनाने के लिए जोगी के आवास पर जुट गए थे। लेकिन बाद में पार्टी पिछड़ती गई और अंत में भाजपा 9० सीटों वाली विधानसभ में 49 सीटें जीत कर सरकार बनाने लायक बहुमत जुटाने में कामयाब हो गई। कांग्रेस को यहां 39 सीटें मिली हैं। वर्ष 2००8 के चुनाव में भाजपा को 5० और कांग्रेस को 38 सीटें मिली थी। सबसे चौंकाने वाला जनादेश दिल्ली में रहा है जहां पिछले 15 वर्षों से सत्ता में रही कांग्रेस को भारी पराजय का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित स्वयं आम आदमी पार्टी (आम) के नेता अरविंद केजरीवाल से बड़े अंतर से चुनाव हार गई। भाजपा को 31 सीटों पर जबकि आप ने 28 सीटों पर जीत हासिल की है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि वे हमेशा ही ‘आप’ को प्रतिस्पर्धा में मानते थे लेकिन उसका प्रदर्शन आश्चर्यजनक है।

 

Related Articles

Back to top button