अद्धयात्म

शरद पूर्णिमा : की रात, इन उपायों से चमक सकती है किस्मत

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NEW DELHI : आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस बार यह पर्व 15 अक्टूबर, शनिवार को है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृत होता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं।

इस रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर घूमने आती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह रात्रि स्वास्थ्य व सकारात्मकता प्रदान करने वाली मानी जाती है। हिन्दू धर्मशास्त्र में वर्णित कथाओं के अनुसार देवी-देवताओं के अत्यंत प्रिय पुष्प ब्रह्मकमल भी इसी दिन खिलता है।
क्या करें शरद पूर्णिमा पर-
– इस रात को कोजागरा की रात भी कहा जाता है अर्थात कौन जाग रहा है की रात। कहते हैं की जो मनुष्य शरद पूर्ण‌िमा की रात में जागरण करके महालक्ष्मी और श्री हरि व‌िष्‍णु का पूजन, अराधना, भजन और कीर्तन करते हैं देवी लक्ष्मी उन्हें धन के साथ ही वैभव भी प्रदान करती हैं।
  रात के समय मंदिर, चौराहे, तुलसी के नीचे, घर के भीतर और बाहर शुद्ध गाय के घी का दिपक जलाएं।
– मंदिर में आसन बिछा कर बैठें श्रीसूक्त और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ  करें। ऐसा करने से आपके धन-धान्य और मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
 

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