अजब-गजबउत्तर प्रदेशउत्तराखंडजीवनशैलीदस्तक-विशेषदिल्लीराजनीतिराज्यराष्ट्रीय

शौचालय नहीं, तो ससुराल में आने से किया इन्कार

 

 

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश झबुआ जिले में घटित एक घटना जैसा मामला, बिहार के गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड में भी सामने आया है| जहां, घर में शौचालय नहीं रहने से बहू ने ससुराल में आने से इन्कार कर दिया| पक्के मकान के घर में वाशिंग मशीन, एलईडी टीवी व बाइक के अलावा अन्य कई चीजें उपलब्ध हैं, लेकिन शौचालय नहीं है| यह कहानी है, प्रखंड के मारवा टोला टोला गांव के पारस साह के घर की| बताया गया, कि बीते 29 अप्रैल को पारस महतो के मैकेनिकल इंजीनियर पुत्र उपेंद्र कुमार की शादी इसी प्रखंड के बलुही में हुई|शादी से पहले हीं बहू सुनीता कुमारी ने ससुराल वालों से शौचालय के बारे में पूछा तो, ससुराल वालों ने कहा था, कि शौचालय उपलब्ध है| लेकिन, शादी के बाद जैसे ही बहू को पता चला कि घर में शौचालय नहीं है, तो उसने विदा होने से हीं इन्कार कर दिया| बहू का कहना है, की जब तक इस घर में शौचालय नहीं बनेगा वह नहीं आयेगी|

ऐसी एक घटना मध्य प्रदेश के झबुआ जिले में भी घटी थी| उसपर एक हिंदी फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा बनी, और काफी हिट हुई थी व सराहनीय रही| प्रखंड में स्वच्छ भारत मिशन “ग्रामीण” व लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत प्रत्येक घर में शौचालय बनवाने का अभियान चल रहा है| इस क्रम में मांझा पश्चिमी पंचायत में सभी वार्डों में शौचालय निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है| लेकिन वार्ड संख्या सात के मारवा टोला गांव के कई घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है| इसको लेकर रविवार को बीडीओ वेदप्रकाश व बीएओ रविंद्र बैठा, उमेश कुमार शर्मा, हेमंत कुमार लोगों को प्रेरित करने के लिए मारवा टोला गांव में पहुंचे| यहां उन्हें एक घर ऐसा मिला जो पक्का मकान था, आधा दर्जन कमरे भी थे, वाशिंग मशीन, फ्रीज, एलईडी टीवी भी था, लेकिन शौचालय नहीं था| साथ हीं पता चला कि चार महीने पूर्व हुई शादी के बाद घर बहू सुनीता देवी शौचालय नहीं रहने से ससुराल आने से इन्कार कर दी है| उक्त मामला उजागर होने के बाद बीडीओ ने पारस महतो व उनके परिजनों को काफी समझाया| बीडीओ ने परिजनों से कहा, कि शौचालय नहीं होने से बहू- बेटी को काफी परेशानी होती है| इसकी वजह से आपकी बहू ने ससुराल आने से इन्कार कर दिया है| बहू-बेटी के सम्मान के लिए शौचालय का होना अति आवश्यक है| इसके लिए सरकार भी 12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दे रही है| बीडीओ के इतना समझाने के बाद घरवालों ने शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदने का कार्य शुरू कर दिया| सभी परिजन सहित ग्रामीण बहू के उक्त फैसले की तारीफ भी कर रहे थे| घरवालों का कहना है, कि एक सप्ताह के अंदर शौचालय बनाकर अपने बहू को घर लायेंगे| इस फैसले को देखते हुए आसपास के लोगों में भी शौचालय बनाने की ललक जाग उठी है| इस वार्ड में एक सप्ताह के अंदर शौचालय बना लेने का आश्वासन ग्रामीणों ने बीडीओ वेदप्रकाश को भी दिया है|

Related Articles

Back to top button