अद्धयात्म

सीता ने रावण को बताई थी 4 बातें ऐसी जो पहले आपने कहीं नही सुनी होंगी

जब रावण सीता को अपनी पत्नी बनाने के इरादे से हरण करके लंका ले आता है तो वह सीता को अपने महल में रहने तथा सीता को विवाह का प्रस्ताव रखता हैं। लेकिन माता सीता पतिव्रता थी इसलिए उन्होंने रावण के मुख की तरफ देखा भी नहीं और उसके महल में रहने तथा रावण की पत्नी बनने से साफ इंकार कर दिया। सीता से ऐसा जवाब पाकर रावण को बहुत अपमानित महसूस हुआ और माता सीता को धमकी दी कि यदि एक महीने के अंदर वे विवाह के लिये राजी नहीं हुई तो वह उनकी हत्या कर देगा। रावण की अंहकार भरी धमकी सुनकर माता सीता ने उसे चार बातें बताई थी। आईये आपको बताते है वो बातें क्या थी।

सीता ने रावण से कहा की जो व्यक्ति

किसी पराई स्त्री पर गलत नजर रखता है और किसी स्त्री की इच्छा के विरुद्ध उसे छुने की कोशिश करता है वह इंसान सबसे बड़ा दुराचारी और पापी होता है। उसे अपने जीवन में पापों की सजा अवश्य मिलती है। उसके पापों का घड़ा एक न एक दिन जरुर फूट जाता है। और ऐसे व्यक्ति को नरक में भी जगह नहीं मिलती।

दुसरी बात में माता सीता ने रावण को

बताया की चाहे इंसान खुद को कितना भी बलशाली और धनी क्यों ना समझता हो, अगर उसे अपने धन और बल का थोड़ा सा भी घमंड हो जाएं तो उसे अपने धन और उसके बल का कोई लाभ नहीं मिलता। वह इंसान किसी भिखारी जैसा हो जाता है और उसका सर्वनाश होना निश्चित होता हैं।

माता सीता ने रावण से कहा की कहा की अहंकार

मनुष्य का सबसे बडा दुश्मन होता है। अहंकार के कारण इंसान की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और वह खुद को सबसे सर्वश्रेष्ठ तथा दूसरे प्राणियों को तुच्छ समझने लगता है। उसे इस बात का जरा भी आभास नहीं होता की यही अहंकार उसके अंत का कारण बन सकता है। जैसा की रावण के साथ हुआ था रावण के अंत का सबसे बडा कारण उसका अहंकार ही था।

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