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1 जुलाई से लागू होने वाला जीएसटी आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार: मुख्यमंत्री

इसे हम नई आर्थिक क्रांति भी कह सकते हैं: योगी आदित्यनाथ
देश में ‘वन नेशन, वन मार्केट, वन टैक्स’ का मार्ग हो रहा प्रशस्त

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 01 जुलाई, 2017 से लागू होने वाला माल एवं सेवाकर (जी0एस0टी0) आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार है, जिसे हम नई आर्थिक क्रांति भी कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के प्रभावी प्रयासों के चलते आज देश में ‘वन नेशन, वन मार्केट, वन टैक्स’ का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। यह नई कर प्रणाली हर स्तर पर व्यापक विचार-विमर्श के उपरान्त लागू हो रही है। उन्होंने कहा कि 01 जुलाई, 2017 का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक होगा। मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां विधान सभा के तिलक हाॅल में आयोजित जी0एस0टी0 कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान अप्रत्यक्षकर प्रणाली में राज्य सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर 08 अलग-अलग प्रकार के कर लगाए जाते हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा भी विभिन्न कर तथा सेस लगाए जाते हैं, जिसके चलते उपभोक्ताओं पर करों की दोहरी मार पड़ती है। साथ ही, करदाता को विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस समय प्रचलित इस प्रणाली के कारण देश का आर्थिक विकास भी बाधित हो रहा है। योगी जी ने कहा कि जी0एस0टी0 लागू होने के बाद अब ऐसा नहीं होगा और उपभोक्ता और करदाता, दोनों को सुविधा होगी। जी0एस0टी0 को लेकर फैले भ्रम के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि इसे दूर करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी जिलों का दौरा करके उपभोक्ताओं, व्यापारियों, अधिवक्ताओं तथा चार्टर्ड अकाउण्टेण्ट के साथ बैठकें आयोजित करें और उनकी शंकाओं को दूर करें। जी0एस0टी0 से सम्बन्धित समस्याओं का त्वरित और तार्किक समाधान जी0एस0टी0 काउन्सिल द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जी0एस0टी0 को ठीक ढंग से लागू करने के लिए प्रारम्भिक तीन महीने ‘क्रिटिकल’ हैं। ऐसे में, सभी स्टेकहोल्डर्स का आपसी संवाद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जी0एस0टी0 लागू होने का सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा। साथ ही, यह उपभोक्ता, व्यापारी तथा देश हित में है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित से बड़ा कोई हित नहीं है।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि जी0एस0टी0 लागू करने में शुरुआत में दिक्कतें आ सकती हैं, परन्तु यदि अधिकारी इसे कुशलता से करेंगे तो इन दिक्कतों का हल भी निकल आएगा। उन्होंने जिलाधिकारियों से व्यापारियों तथा उपभोक्ताओं के साथ संवाद स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जी0एस0टी0 लागू होने के उपरान्त भारत की विकास दर 02 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि जिलों में नोडल आॅफिसर्स तैनात किए जाएं, जो जी0एस0टी0 से सम्बन्धित व्यापारियों की समस्याओं का समाधान कर सकें। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कहा कि यह भारत सरकार का एक ऐतिहासिक निर्णय है। आजादी के बाद से अब तक इससे बड़ा आर्थिक सुधार देश में नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 01 जुलाई को हम सभी एक ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने जा रहे हैं। जी0एस0टी0 के सफल क्रियान्वयन की दिशा में आज की कार्यशाला अत्यन्त महत्वपूर्ण और उद्देश्यपरक है। उन्होंने कहा कि जी0एस0टी0 लागू करने की दिशा में विषय की गम्भीर जानकारी आवश्यक है।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव, वाणिज्य कर एवं मनोरंजन कर राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में लिए जा रहे 16 विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को जी0एस0टी0 में समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि जी0एस0टी0 लागू होने पर करों के अंश पर पुनः कर की गणना की प्रक्रिया अर्थात् करों की कैस्केडिंग समाप्त होने से माल के मूल्यों में कमी आएगी तथा उपभोक्ताओं तक वस्तुएं सस्ती पहुंचेंगी। सामान्य जन द्वारा दैनिक जीवन के उपयोग की अधिकांश वस्तुएं जैसे खाद्यान्न, दूध, दही, नमक आदि जी0एस0टी0 से करमुक्त रखी गयी हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य जन द्वारा रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकांश वस्तुएं जैसे 500 रुपए तक के फुटवियर, 1,000 रुपए तक के रेडिमेड वस्त्र, जीवन रक्षक दवाएं आदि जी0एस0टी0 की न्यूनतम 05 प्रतिशत दर में रखी गयी हैं। कार्यशाला में वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, सभी मण्डलायुक्त तथा अधिकांश जनपदों के जिलाधिकारी मौजूद थे।

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