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17 की उम्र में रेप, 28 साल बाद कोर्ट में बयान

acr468-5616afbe27d57gang rape 1दस्तक टाइम्स/एजेंसी जम्मू -कश्मीर: वह मात्र 17 साल की थी जब उसके साथ गैंगरेप हुआ। उसने एफआईआर भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस करीब तीन दशक तक कोर्ट में उसके बयान नहीं दर्ज करवा पाई।

अब 28 साल बाद एक पब्लिक प्रोसिक्यूटर (पीपी) ने उसे न्याय दिलाने के लिए बांडीपोरा कोर्ट में उसके बयान दर्ज किए गए। पीड़िता के अनुसार तीन जून 1987 को चार लोगों ने नाडिहाल स्थित उसके घर से उसका अपहरण किया था।

अपहरणकर्ता उसे श्रीनगर के एक होटल में ले गए और 12 दिनों तक उसके साथ बलात्कार करते रहे। पीपी शफीक अहमद भट ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर 1987 में केस दर्ज किया गया था।

28 साल गुजर जाने के बाद उन्होंने बांडीपोरा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में बीते 6 अक्तूबर (मंगलवार) को उसके बयान दर्ज करवाए। पीड़िता अपने बयान पर अब भी कायम है।

इसी साल के आरंभ में पीपी का पद संभालने वाले भट ने बताया कि वह बांडीपोरा में लंबे समय से फाइलों में बंद लंबित मामलों को खोलने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लगभग तीन दशक तक पीड़िता के बयान अदालत तक नहीं पहुंच पाए, क्योंकि मामले का मुख्य आरोपी और बांडीपोरा का स्थानीय नागरिक तब से फरार चल रहा है।

आरोपियों में से दो की मौत हो चुकी है, जबकि तीसरा न्यायिक हिरासत में है। पीपी के अनुसार अक्तूबर छह को हुई अंतिम सुनवाई के दौरान उन्होंने कोर्ट से आवेदन कर फरार आरोपी की संपत्ति अटैच करने के निर्देश देने की अपील की थी।

भट के अनुसार अदालत ने स्थानीय समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना जारी कर आरोपी को पांच नवंबर से पहले कोर्ट में पेश होने को कहा है।

नोटिस के अनुसार यदि उसने अदालत में समर्पण नहीं किया तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। पांच नवंबर को मामले की अगली सुनवाई है।

 

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