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17 साल का मुआवजा न मिलने पर 25 हजार किसानोंं ने मांगी राष्ट्रपति से आत्मदाह की इजाजत

prenowमथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा के पिछले 17 साल से मुआवजे के लिए भटक रहे करीब 25 हजार किसानों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फांसी लगाकर आत्महत्या करने या आत्मदाह करने की अनुमति मांगी है। मथुरा के गोकुल बैराज पीड़ित किसान पिछले 17 साल से मुआवजे के लिये भटक रहे हैं और बदले में उन्हें अब तक पुलिस की फायरिंग, लाठियां तथा फर्जी मुकदमें मिले हैं। भू-विस्थापित 25 हजार किसानों ने स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से फॉसी लगाकर जान देने या आत्मदाह की अनुमति मांगी है। किसानों ने इसके लिये राष्ट्रपति को पत्र भेजा है ।  इससे पूर्व भी इन परिवारों के लोग आर्थिक अभाव में बीमारी और भुखमरी के शिकार होकर काल के गाल में समाते रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनको 17 साल से जबरन जमीन छीनने के बाद 800 करोड का मुआवजा तो नहीं मिला। उनके बच्चों तक पर आन्दोलन कुचलने के नाम पर लूट, डकैती, और हत्या के प्रयास जैसे संगीन मुकदमे लगा दिये और हर रोज पुलिस प्रताडऩा का शिकार होना पड़ता है। राष्ट्रीय-किसान आत्मदाह दो अंतिम मथुरा राष्ट्रीय-किसान आत्मदाह दो अंतिम मथुरा  इस मामले में पीड़ित किसान पिछले 17 वर्ष से लगातार अपनी मांगों को लेकर आन्दोलित हैं। गोकुल बैराज बांध में 11 गांव के किसानों की 700 एकड़ जमीन जलमग्न हो गयी है जिससे 943 परिवारों के 25 हजार सदस्य भूमिहीन हो गये।   प्रशासन के आकलन के अनुसार किसानों की कुल मुआवजा राशि 800 करोड़ है। 17 साल से यह समस्या नौकरशाही और राजनीति के मकडज़ाल में फंसकर और विकराल हो गयी है। पिछले वर्ष एक नवबर 2014 को मथुरा के गोकुल बैराज पर धरना दे रहे किसानों पर पुलिस ने बर्बर गोलीबारी और लाठीचार्ज किया था जिसमें सैंकड़ों किसान घायल हुये थे।   आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री कुवर निषाद समेत 12 लोगों को लूट, डकैती, और हत्या के प्रयास समेत चार मुकदमे लगाकर जेल में डाल दिया गया था। साथ ही 586 किसानों पर मुकदमा भी लगा दिया गया था। इस मामले को स्थानीय भाजपा सांसद और सिने तारिका हेमा मालिनी और मछलीशहर के सांसद रामचरित्र निषाद ने लोकसभा तथा बसपा सुप्रीमो मायवती ने राज्यसभा में उठाकर प्रदेश की सपा सरकार की जमकर ङ्क्षखचाई की थी। भाजपा की फायरब्राण्ड मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी मथुरा आकर जेल में मिलने गई थीं। लोकदल और बसपा के विधायकों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में हंगामा किया था। इसके बाद किसानों ने पिछले फरवरी में 100 दिन तक क्रमिक भूख हड़ताल और धरना भी दिया जिसको प्रशासन ने किसानों को यह कहकर समाप्त करा दिया था कि एक माह के अन्दर प्रदेश सरकार मुआवजा दे देगी और किसानों पर लगे फर्जी मुकदमे वापस ले लिये जायेंगे। किसानों ने धरना समाप्त कर दिया था, लेकिन आज लगभग 07 माह गुजर जाने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। मथुरा गोकुल बैराज बांध परियोजना नगर विकास की सम्पति है। 1992 में गोकुल बैराज बनना शुरू हुआ और 1998 में बैराज परियोजना पूर्ण हुई।

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