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2.0 में अक्षय ने ऐसे अपनाया खलनायकी अवतार, रजनीकांत की इस अंदाज में की तारीफ

अक्षय कुमार ने करियर की शुरुआत से लेकर अब तक खुद में बहुत बदलाव किए हैं। बतौर एक्टर उन्होंने अपने आपको बहुत निखारा है। कभी सिर्फ एक्शन के लिए अक्षय जाने जाते थे, लेकिन उन्होंने कॉमेडी में भी खूब रंग जमाए। पिछले कुछ सालों में अक्षय के करियर को देखें तो वह सोशल इश्यूज पर ज्यादा फोकस हो गए हैं। ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ और ‘पैडमैन’ जैसी फिल्में इसका सबूत हैं। इस बार तो अक्षय ने कमाल कर दिया है।

साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत के साथ फिल्म ‘2.0’ में वह अपनी इमेज से अलग कैरेक्टर में नजर आ रहे हैं। इसमें अक्षय विलेन बने हैं। विलेन का उनका गेटअप खूब चर्चा में है। अक्षय कुमार बतौर प्रोड्यूसर भी एक्टिव हैं। हाल ही में अक्षय से मुलाकात हुई, इस दौरान उनसे फिल्म ‘2.0’ और करियर से जुड़ी लंबी बातचीत हुई। पेश है, अक्षय कुमार से हुई बातचीत के चुनिंदा अंश-

मेरी फिल्मों का लेखा-जोखा आपके सामने है। 2018 में मेरी फिल्म ‘पैडमैन’ और ‘गोल्ड’ को अच्छा रेस्पॉन्स मिला। अब फिल्म ‘2.0’ आई है। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को यह फिल्म पसंद आएगी।

बतौर प्रोड्यूसर भी मेरा काम ठीक चल रहा है। 2019 में भी मेरी चार फिल्में रिलीज होंगी। हर साल मैं अपनी फिल्मों पर मेहनत करता हूं बाकी आगे भगवान की मर्जी होती है।  रजनीकांत जी बहुत ही उम्दा एक्टर हैं। मैं उनकी कई क्वालिटीज से इंप्रेस हूं। वह सेट पर वक्त से आते हैं, अपना मेकअप करके, डायलॉग याद करने लगते। वह सिंपल डायलॉग को भी अनोखे ढंग से बोलते हैं।

सेट पर सभी के साथ उनका व्यवहार बहुत विनम्र रहता है। वह सबका हाल-चाल हमेशा पूछते हैं। मैंने उनके साथ चालीस दिन शूटिंग की, उन्हें करीब से जाना-समझा। इसके बाद समझ आया कि लोग क्यों रजनी सर की मिसाल देते हैं। वह महाराष्ट्रियन हैं, मेरी मराठी भी ठीक-ठाक है। हम सेट पर मराठी में बातें किया करते थे। मेरे लिए उनके साथ काम करना यादगार रहा।

रजनी सर ने फिल्म में साइंटिस्ट और चिट्टी (रोबोट) का रोल किया है। उनका किरदार कमाल का है। जहां तक मेरे रोल की बात है तो चार लोगों के बाद भी मेरा सेलेक्शन इस रोल के लिए हुआ तो यही बड़ी बात है।

मैं एक पॉजिटिव पर्सन हूं। सच यह है कि मैं फिल्म ‘2.0’ का हिस्सा हूं। मुझे रजनीकांत जैसे मेगास्टार के साथ काम करने का मौका मिला है, यही मेरे लिए सबसे बड़ा अचीवमेंट है। मैं तो स्ट्रॉन्ग होने पर कैरेक्टर रोल भी करने को तैयार हूं।

अब फिल्मों में इमेज जैसी कोई बात नहीं बची है। अमिताभ बच्चन जी, मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन, आमिर, शाहरुख लगातार अपने रोल के साथ एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। नवाजुद्दीन हर दूसरी फिल्म में हैरान कर देते हैं।

उनसे कोई सवाल नहीं पूछता कि भाई साहब क्यों विलेन बन रहे हो? दूसरी बात एक जैसे रोल न अब लिखे जा रहे हैं, न कोई स्टीरियोटाइप फिल्में अब बन रही हैं। रजनीकांत जैसे सुपर स्टार के सामने विलेन बनकर आना, एक बड़ा चैलेंज था, जिसे मैंने खुशी से स्वीकार किया।

मुझसे पसीने की स्मेल आने लगी थी.

फिल्म ‘2.0’ के लिए मुझे साढ़े तीन घंटे मेकअप करना पड़ता था। इसी तरह 3 घंटे मेकअप उतारने में लगते थे। विदेश से आए मेकअप एक्सपर्ट फिल्म के लिए हायर किए गए थे।

इसके अलावा मेरे शरीर के लिए एक रबर जैसा कॉस्ट्यूम था। उसको पहनने के बाद शरीर से पसीना तक बाहर नहीं आ पाता था। मैं जब शूटिंग के बाद उस रबर वाली ड्रेस को निकाला करता था, तब मुझसे पसीने की स्मेल आती थी। मैं शूटिंग के दौरान लिक्विड डाइट पर रहता था। मेरे लिए एक एयरकंडीशन केज (पिंजरा) था, जहां एक गद्दा बिछाया था, असल में रबर वाली वजनदार ड्रेस को पहन कर चलना मुश्किल था। यह सब मुश्किल था, लेकिन जो रिजल्ट सामने आया, उससे मैं खुश हूं।

2.0 के डायरेक्टर पर ये बोले अक्षय
शंकर बहुत ही बुद्धिमान निर्देशक हैं। मुझे लगता है कि उन्हें निर्देशक के बजाय साइंटिस्ट कहना ठीक होगा। उन्हें टेक्निकल नॉलेज बहुत ज्यादा है। फिल्म ‘2.0’ को देखने पर उनका विजन सबको हैरान कर देगा। इसमें मैसेज भी बहुत अच्छा है।
समाज के मोबाइल फ्रेंडली होने पर दिया ये जवाब

मैं बहुत ज्यादा टेक्नोफ्रेंडली नहीं हूं, जितना जरूरी है, बस उतना जानता हूं। बहुत जरूरी हो तब ही किसी को फोन करता हूं। किसी प्रोड्यूसर से मुलाकात करनी है तो मेरे असिस्टेंट मुझे बताते हैं।

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