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5 जनवरी से शुरू होगा स्काउट्स का राष्ट्रीय उत्सव, देश भर के बच्चे लेंगे हिस्सा

SCOUTSदुर्ग. छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पहली बार हो रहे राष्ट्रीय जम्बूरी के लिए तैयारियां जारी हैं. कई संगठनों ने राष्ट्रीय जम्बूरी में शामिल होने वाले बच्चों का स्वागत चाकलेट और टॉफी देकर करने का निर्णय लिया है. हर जोन में डेढ़ हजार बच्चे भोजन भी करेंगे. जम्बूरी 5 से 8 जनवरी तक चलेगा.

राष्ट्रीय जम्बूरी में पूरे देश से आने वाले स्काउट्स-गाइड्स बस्तर में लघु भारत की तस्वीर पेश करेंगे. स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्काउट्स-गाइड्स हाथों में झाडू लेकर 7 जनवरी को जगदलपुर शहर के सभी वार्डो और मोहल्लों की साफ-सफाई भी करेंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्य के करीब 9 हजार सहित पूरे देश के लगभग 12 हजार स्काउट्स एंड गाइड्स आ रहे हैं.

जगदलपुर के प्रभारी कलेक्टर हीरालाल नायक द्वारा जिला कार्यालय के आस्था कक्ष में सोमवार को ली गई बैठक में रेडक्रॉस की पहल पर शहर के नागरिक विभिन्न संगठनों और समाज के माध्यम से एकत्रित हुए और उन्होंने बच्चों को भोज कराने की पेशकश की.

इस अवसर पर यह निश्चित किया गया कि ईसाई समाज द्वारा मेथोडिस्ट एपिस्पोकल चर्च मैदान में, सिक्ख समाज द्वारा बीआरसी भवन कुम्हारपारा में, 360 घर आरण्यक ब्राम्हण समाज एवं उत्कल समाज द्वारा जगन्नाथ मंदिर में, बस्तर परिवहन संघ द्वारा हाइस्कूल केवरामुंडा में, सर्व आदिवासी समाज द्वारा गोंडवाना भवन वर्गीस कॉलोनी में, सतनामी समाज द्वारा महात्मा गांधी स्कूल में, अंजुमन इस्लामिया कमेटी द्वारा जामा मस्जिद में और साहू समाज द्वारा बस्तर क्लब में बच्चों को भोज दिया जाएगा.

इसमें से लगभग हर एक जोन में डेढ़ हजार बच्चे भोजन करेंगे और एक जोन में 6.6 वार्ड शामिल किए जाएंगे. इस अवसर पर अनेक संगठनों ने बच्चों का स्वागत चाकलेट और टॉफी के साथ करने का निश्चय किया है.

बसने लगा स्काउट ग्राम

राष्ट्रीय जम्बूरी के लिए बस्तर के डिमरापाल में मेडिकल कॉलेज के समीप स्काउट ग्राम बसने लगा है और इसमें बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों के साथ-साथ प्रदेश के अन्य स्थानों से भी स्काउट्स एंड गाइड्स का आना प्रारंभ हो गया है. प्रदेश के राज्यपाल बलराम जी दास टंडन 5 से 8 जनवरी तक चलने वाले इस राष्ट्रीय जम्बूरी का शुभारंभ करेंगे.

राज्य में  राष्ट्रीय जम्बूरी दूसरी बार

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ के लिए यह दूसरा अवसर है. जब उसे राष्ट्रीय जम्बूरी के आयोजन करने का सौभाग्य मिला है. बस्तर में यह आयोजन पहली बार हो रहा है.

 

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