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ब्लू व्हेल ब्लॉक करना संभव नहीं, बच्चों पर नजर रखें माता-पिता : केंद्र

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ब्लू व्हेल सरीखे हिंसक और आत्मघाती खेलों को ब्लॉक करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। केंद्र ने सुझाव दिया कि माता-पिता और शिक्षक बच्चों पर निगाह रखें कि बच्चों में अवसाद के लक्षण तो नहीं हैं। ध्यान रखने की बात यह है कि अवसादग्रस्त बच्चे ही सबसे ज्यादा ब्लू व्हेल जैसे आनलाइन गेम्स का शिकार होते हैं। उल्लेखनीय है कि ब्लू व्हेल एक ऑनलाइन गेम है, जिसमें कोई अज्ञात व्यक्ति किसी अकेले किशोर को आत्मघाती खेल खेलने को विविश करता है। हाल में देश में कई किशारों की मौत के लिए इस गेम को जिम्मेदार माना गया है। इस समस्या की ओर ध्यान खींचते हुए एक याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी। इस पर कोर्ट ने सरकार से ऐसे गेम्स से निपटने के तरीके पूछे थे। कोर्ट ने पूछा था कि लोगों में इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से यह भी पूछा था कि किशोरों को ऐसे खेलों का शिकार बनने से रोकने के लिए क्या तरीके अपनाए जाने चाहिए।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल कोर्ट के नोटिस के जवाब में कहा सरकार की ओर से बनाई गई एक हाई-लेवल कमेटी हाल में हुई कुछ मौतों में ब्लू वेल गेम का हाथ होने की बात साबित नहीं कर सकी। उन्होंने कहा सरकार ने बच्चों में अवसाद के किसी भी लक्षण पर नजर रखने के लिए शिक्षा संस्थानों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के जरिए दिशानिर्देश भेजे थे। उन्होंने कहा माता-पिता की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और देखें कि वे इंटरनेट पर क्या एक्सेस करते हैं। अटार्नि जनरल ने मीडिया से अनुरोध किया कि अवसाद से जुड़ी हर मौत को ब्लू व्हेल गेम से जोड़ना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कोई नहीं जानता कि यह गेम हकीकत में है भी या मीडिया हाइप है। उन्होंने कहा ज्यादा चर्चा होने से और अधिक मौतें हो सकती हैं। उन्होंने कहा उत्सुकता के कारण कई युवा ऐसे खेल की ओर आकर्षित हो सकते हैं।

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