जब अंधे भक्त के सपने में आए शनिदेव, और सुबह उठते ही देखने लगा सब कुछ
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शनिवार का दिन भगवान शनिदेव (Lord Shani) को समर्पित है। ऐसी मान्यता है इस दिन जो भी शनिदेव की पूजा करता है उस पर उनकी कृपा होती है। वैसे तो शनि मंदिर में महिलाओं के द्वारा पूजा करने पर इसका विरोध होता है लेकिन देश में एक ऐसा मंदिर है जहां पर महिला और पुरुषों दोनों को पूजा करने में कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता। यहां पर महिलाएं न सिर्फ शनिदेव (Lord Shani) को तेल अर्पित करती हैं बल्कि मंदिर की बागडोर महिला पुजारी के हाथों में है।
यह प्राचीन मंदिर जूनी इंदौर में स्थित है। कथा के अनुसार मंदिर वाली जगह पर आज से 300 साल पहले वहां के गोपालदास नाम के व्यक्ति को सपने में शनिदेव दर्शन देकर एक 20 फीट टीले में अपनी प्रतिमा के दबी होने के बारे में कहा। शनिदेव ने गोपालदास को टीला खोदकर प्रतिमा बाहर निकालने का आदेश दिया।
गोपालदास अंधे थे यह बात सपने में उन्होंने शनिदेव को बोली, इसके बाद शनिदेव ने कहा कि अपनी आंखें खोलो अब से तुम सबकुछ देख सकते हो। जब गोपालदास ने अपनी आंखे खोली तो वह सब कुछ साफ-साफ देख सकते थे।
इसके बाद गोपालदास ने टीले की खुदाई की और वहां शनिदेव की एक प्रतिमा निकली। जिसके बाद उन्होंने वहीं प्रतिमा की स्थापना कर दी और मंदिर की देखरेख करने लगे। तब से लेकर आजतक गोपालदास के परिजन ही पुजारी के रुप में शनिदेव की पूजा अर्चना करने लगे। इस मन्दिर में महिलाओं और पुरुषों के बीच पूजा करने में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।