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लोकायुक्त का बड़ा आदेश सार्वजनिक हो विधायकों की संपत्ति

दिल्ली के लोकायुक्त ने विधायकों से सम्पति का ब्यौरा मांगा तो विधानसभा स्पीकर और लोकायुक्त के बीच ठन गई. स्पीकर राम निवास गोयल ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है. बता दें कि दिल्ली के लोकायुक्त ने दिल्ली विधानसभा के विधायकों से सम्पति का ब्यौरा सार्वजनिक करने को कहा है. पिछले दिनों एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लोकायुक्त ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर विधायकों की संपत्ति सार्वजनिक करने के निर्देश दिए थे.

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सोमवार को लोकायुक्त को पत्र लिखकर बताया है कि यह निर्देश देना उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आता है. रामनिवास गोयल ने कहा कि नोटिस मिलने के बाद कई विधायकों ने उनसे संपर्क साधा.

रामनिवास गोयल ने कहा कि इस नोटिस में कई खामियां हैं जिसको देखते हुए इसे खारिज कर देना चाहिए. रामनिवास गोयल ने कहा कि इस मामले में जिस शख्स ने गलत शिकायत की है उसके खिलाफ करवाई होनी चाहिए.

स्पीकर रामनिवास गोयल ने लोकायुक्त के फैसले में कई खामियां गिनाईं.

1. स्पीकर ने कहा कि शिकायतकर्ता विवेक गर्ग ने लोकायुक्त के सामने जो याचिका लगाई है उसके आखिर में हस्ताक्षर ही नहीं है. यह एक गंभीर मामला है और लोकायुक्त ऑफिस ने बिना देखे ही एक ही दिन में नोटिस भी जारी कर दिया. आखिर लोकायुक्त ऑफिस को क्या जल्दबाजी थी.

2.स्पीकर ने तर्क दिया है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आम आदमी पार्टी के 66 विधायकों से सम्पति का ब्यौरा देने की याचिका लगाई है, आखिर उन्होंने बीजेपी के 4 विधायकों को क्यों छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि लोकायुक्त को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.

3. स्पीकर का कहना है आखिर लोकायुक्त ने किस कानून के तहत ये नोटिस जारी किया है. कानून के तहत सांसद और प्रधानमंत्री ही ऐसा कर सकते हैं. विधायकों पर यह कानून लागू ही नहीं होता है.

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस पूरे मसले को लेकर लोकायुक्त को पत्र भी लिखा है, उन्होंने कहा है कि इस मसले पर आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है वह इस पर भी विचार कर रहे हैं.

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