कुत्ते की वफादारी की ये कहानी….जो हर किसी को जरूर पढ़नी चाहिए
पुराने जमाने में व्यापार का सामान लाने –ले जाने का का काम बंजारे करते थे,एक बंजारा थावह ऊँटों पर गाँवों का माल सामान लादकर शहरो में ले जाता था और वहाँ से मिश्री,गुड़-मसाले आदि भरकर गाँवों तक ले आता था लाखों रूपयें का व्यापार था,उसका इसलिए लोग उसे बंजारा कहते थे।
बंजारा के पास एक सुंदर कुत्ता था कुत्ता बड़ा वफादार व स्वामीभक्त था,रात को वह बंजारे के पड़ाव की रखवाली करता था अगर चोर लुटेरे पड़ाव की तरफ आते दिखाई देते थे तो कुत्ता भोंक-भोंककर उन्हें दूर भगा देता था बंजारा अपने कुत्ते से एक बार बंजारा व्यापार में मार खा गया और रूपये की जरूरत आ पड़ीं वह शहर के एक बडें सेठ के पास जहाँ जहाँ सेठ ने कहा रूपये तो मैं दे दूंगा मगर उसके बदले में तुम गिरवी क्या रखोगे।
बंजारा बोला सेठ जी मेरे पास फूटी कोड़ी भी नहीं है मैंने व्यापार में सब खो दिया है, मेरी जबान पर विश्वास रखे और मुझे रूपये दे दीजिए मै आपकी पूरी रकम सूद समेत एक साल में ही चुका दूंगा,सेठ बोला कोई बात नहीं तुम्हारे पास ये कुत्ता तो है तो तुम इस कुत्ते को ही जमानत के रूप में दे दो सारे रूपये लोटा दोगे तब मै भी कुत्ता लौटा दूंगा।
बंजारे को को दुःख तो बहुत हुआ अपने कुत्ते को देने में मगर कोई चारा नहीं था रूपये लेकर वह चला गया कुछ दिन बीते एक बार सेठ के यहाँ चोरी हुई कुत्ते ने चोरों का पीछा किया दूर जंगल में जाकर चोरों ने सारा माल –सामान जमीन में छिपा दिया और वहा से नौ-दो ग्यारह हो गए। कुत्ता वहॉं भोंक भोकर सेठ को बताने लगा की लुटेरे आपकी दुकान को तोड़कर माल उठा ले गए है, सेठ हक्का–बक्का ही रह गया कुत्ते सेठ की धोती पकडकर आगे खिचने लगा सेठ कुत्ते के पीछे पीछे चलने लगे जहाँ चोरों ने माल छिपाया था वहाँ जाकर कुता अपने पैरों से मिटटी खोदने लगा थोड़ा खोदने पर सारा माल दिखाई देने लगा सेठ की खुशी का का कोई ठिकाना नहीं था वह कुत्ते की वफादारी से खुश था।
खुश होकर कुत्ते को प्रेम से थपथपाने लगा सेठ घर जाकर एक चिठ्ठी(पत्र)लिखी और कुत्ते के गले डाल दी और कुत्ते से बोला जा भई जा तू अपने मालिक के पास मैने तुझें मुक्त कर दिया कुत्ते के पटटे की जंजीर खोलते ही कुत्ता उछल-कूद करके खुशी व्यक्त करने लगा और.. अपने मालिक से मिलने के लिए जल्दी जल्दी भागने लगा इधर बंजारा ने भी व्यापार में खूब रुपया कमाया वह सेठ को उसकी रकम वापस करने के लिए उसी रास्ते से आ रहा था उसने दूर से अपने कुत्ते को अपनी और आते हुए देखा वह नाराज हो गया।
सोचने लगा की कुत्ते ने मेरी जबान काट ली है, उसने बेवफाई की, सेठ को दिया मेरा वादा तोड़ दिया है लाखा ने आव-देखा ना ताव,बिना असलियत जाने एक डंडे कुत्ते के सर पर मार दिया और कुत्ता मर गया। बंजारा जब उसके गले में देखा की एक चिठ्ठी बंधी है उसने इसे खोलकर पढ़ा उसमे लिखा था लाखा तुम्हारे कुत्ते ने मुझे सूद समेत रूपये लोटा दिए है अत कुत्ते को मै मुक्त करता हू उसने मेरे घर चोरी किए गए माल –सामान को वापस दिलवा दिया खुश होकर मैंने स्वंय इसे मुक्त करता हूँ, बंजारा चकित हो गया,हैरान परेशान हो गया, और वह चिल्लाने लगा हाय यह मैंने क्या कर दिया वह कुत्ते के शव को अपनी गोदी में लेकर फूट-फूटकर रोने लगा लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।