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जानिए किन जगहों पर कैसे मनाया जाता है बसंत पंचमी

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. बसंत पंचमी लगभग पूरे भारत में मनाई जाती है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है साथ ही कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं.

जानिए किन जगहों पर कैसे मनाया जाता है बसंत पंचमीविधि

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. बसंत पंचमी लगभग पूरे भारत में मनाई जाती है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है साथ ही कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. हर पकवानों की खास बात होती है इनका पीला रंग.
पूजा का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी की सुबह 7:15 से लेकर दोपहर 12:52 तक रहेगा, पर पंचमी तिथि 9 फरवरी की दोपहर 12:25 से आरंभ हो जाएगी. आइए हम आपको बताते हैं इस दिन कहां-कहां क्या-क्या बनता है खास.

बंगाल: 
– बूंदी के लड्डू: सरस्वती पूजा के दिन बंगाल में प्रसाद के तौर पर लड्डू बांटे जाते हैं.
– खिचड़ी: बंगाल में सरस्वती पूजा में खासतौर पर खिचड़ी बनाई जाती है. खिचड़ी माता के भोग में भी रखी जाती है और प्रसाद के तौर पर सबको खिलाई जाती है.

– केसरी राजभोग: यह रसगुल्ले के जैसे ही छेने से बनता है और इसकी चाशनी बनाते समय ही इसमें केसर डाल दिया जाता ह

बिहार: 
– खीर: सरस्वती पूजा के दिन बिहार में केसर डालकर चावल की खीर बनाई जाती है.
– मालपुआ: बिहार में हर खास मौके पर, त्योहार पर मालपुआ बनाया ही जाता है. मैदा, चीनी, ड्राई फ्रूट्स , इलायची पाउडर सभी को एक साथ मिक्स कर घोल बनाया जाता है, फिर पुए तलकर चाशनी में डालकर निकाले जाते हैं. चाशनी में केसर डाला ही जाता है.

– बूंदी: इस दिन बेसन की बूंदियां भी तलकर छानी जाती हैं, और फिर इन्हें चाशनी में डूबोकर निकाला जाता है.

पंजाब: 
– मक्‍के की रोटी: पंजाब में बसंत पंचमी के दिन मक्के की रोटी बनना तो निश्चित ही रहता है.
– सरसों का साग: मक्के की रोटी के साथ सरसों का साग का न हो, ये तो नामुमकिन है.

– मीठे चावल: रोटी और साग के साथ मीठे केसर वाले चावल भी बनाए जाते हैं.

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