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सपा के ‘ब्राह्मण प्रेम’ पर कैबिनेट मंत्री सतीश द्विवेदी ने अखिलेश पर फिर कसा तंज

कहा-प्रबुद्ध लोग देखें पदाधिकारियों की सूची, सपा के ब्राह्मणप्रेम का उत्तर जाएगा नशासपा के -14 पदाधिकारियों की सूची में एक भी ब्राह्मण पदाधिकारी नहीं

लखनऊ। प्रदेश में ब्राह्मण सियासत का कार्ड खेलने वाली समाजवादी पार्टी अब भाजपा के निशाने पर है। सत्तारूढ़ दल ने सपा द्वारा सोमवार को 14 जिलाध्यक्ष-महानगर अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों की सूची को लेकर उसके ब्राह्मण प्रेम पर तंज कसा है।

प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि एक महीने से ब्राह्मण-ब्राह्मण और परशुराम-परशुराम खेल रहे प्रबुद्ध लोग समाजवादी पार्टी की इस सूची को गौर से देखें। उन्होंने कहा कि सपा के ब्राह्मण प्रेम का नशा उत्तर जाएगा। हिन्दी के साथ उर्दू में भी (ब्राह्मणों की संस्कृत नहीं) छपे लेटर हेड पर जारी इस सूची से ठगा हुआ महसूस कर रहे हों तो आदरणीय पांडे बाबा और प्रोफेसर मिसिर जी को फोन करके कन्फर्म जरूर कर लीजिए।

दरअसल समाजवादी पार्टी ने सोमवार को 14 जिलाध्यक्ष-महानगर अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी नामित किए हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से जारी हुई इस सूची में एक भी ब्राह्मण को पदाधिकारी नहीं बनाया गया है। इसी को लेकर डॉ. सतीश द्विवेदी ने अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है।

डॉ. सतीश द्विवेदी इससे पहले भी सपा के ब्राह्मण प्रेम पर अखिलेश से सवाल पूछ चुके हैं। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण जानना चाहता है कि आपकी पार्टी की स्थापना से लेकर आज तक कितने ब्राह्मण राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष बने। कितने जिलाध्यक्ष ब्राह्मण हैं और लोकसभा चुनाव 2019 में कितने ब्राह्मणों को टिकट दिया गया? इसके साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से यह भी पूछा कि सपा सरकार में कितने निगमों और आयोगों के अध्यक्ष ब्राह्मण थे? उप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में किन जाति के लोगों का सर्वाधिक चयन हुआ। जिन ब्राह्मण नेताओं को आपने ब्राह्मणों को पार्टी से जोड़ने का काम सौंपा है, उन माता प्रसाद पांडेय और अभिषेक मिश्र को भी लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य क्यों नहीं समझा गया? सपा को यह भी बताना चाहिए कि आने वाले दिनों में वह अपने कोटे की राज्यसभा व विधान परिषद सीटों पर किन ब्राह्मण नेताओं को भेजने वाली है।

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