तालिबान का पंजशीर पर कब्जे का दावा झूठा, पंजशीर के शेर अब तक दे रहे हैं टक्कर, जानिए, क्या है सच्चाई?
अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान और अहमद मसूद समर्थकों के बीच फिर से भीषण जंग की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि पंजशीर के पहाड़ों में मोर्चा संभाले विद्रोहियों ने सोमवार रात को तालिबानी के ठिकानों पर जोरदार हमला बोला।
रेजिस्टेंस फोर्स के हमले में तालिबान को भारी नुकसान
तालिबान ने सोमवार को पंजशीर को भी कब्जा करने का दावा किया था। लेकिन अब अहमद मसूद समर्थक पंजशीर के उप गवर्नर कबीर वासिक ने दावा किया है कि पंजशीर और अंदराब में भीषण लड़ाई जारी है। मसूद के नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स के हमले में तालिबान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस बीच सोशल मीडिया में कई ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें दिखाई दे रहा है कि भारी तादाद में तालिबान के लड़ाके पंजशीर और अंदराब की सड़कोंपर मौजूद हैं।
‘तालिबान ने सभी आठजिलों पर कब्जा कर लिया’
इससे पहले तालिबानी लड़ाकों ने दावा किया था कि वे पंजशीर की राजधानी बाजारक में दाखिल हो चुके हैं और अपना झंडा गाड़ दिया है। तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने ट्विटर पर ऐलान किया था कि तालिबान ने सभी आठ जिलों पर कब्जा कर लिया और लड़ाई जारी है। उन्होंने दावा किया कि रुखाह जिले में और पुलिस हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया और विद्रोही सेना के कई सैनिक मारे गए। तालिबान के दावे पर उठे सवाल इस बीच पंजशीर और उसकी राजधानी बाजारक पर तालिबान के कब्जे पर सवाल भी उठ रहे हैं। मीडियारिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बाजारक को पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेहऔर उनकी सेना ने आजाद करा लिया है।
लड़ाकू विमानों ने किया तालिबान के ठिकानों पर हमला
इस बीच अज्ञात लड़ाकू विमानों के पंजशीर घाटी में तालिबान के ठिकानों पर हमला करने की भी खबरें आ रही हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि ये अफगान वायुसेना के पायलट हो सकते हैं जो तालिबानी हमले के बाद ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान चले गए थे। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
‘पंजशीर घाटी को जीतना इतना आसान भी नहीं’
अफगान पत्रकार नतीक मलिकजादा के मुताबिक पंजशीर घाटी को जीतना इतना आसान भी नहीं है। इसे ‘मौत की घाटी’ यूं ही नहीं कहा जाता। नतीक ने बताया है कि पंजशीर घाटी परकब्जा आखिर इतना मुश्किल क्यों है। उन्होंने समझाया है कि पंजशीर एक पूरी घाटी है और सिर्फ एक सड़क है जो इसके आखिर तक जाती है। इसे मुख्य घाटी की सड़क कहते हैं।इस सड़क के दोनों ओर से दर्जनों घाटियां निकलती हैं और विद्रोही दल के सैनिक इन घाटियों से लड़ाई लड़ रहे हैं।
‘बाजारक को अफगान स्पेशल ऑपरेशन ने वापस हासिल किया’
अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स नेशन की पत्रकार लारा ने ट्वीट किया है कि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अफगानिस्तान के ‘राष्ट्रपति’ सालेह और अफगान स्पेशल ऑपरेशन ने बाजारक को वापस हासिल कर लिया है। पंजशीर की राजधानी बाजारक में ही अहमद मसूद के पिता और ‘पंजशीरके शेर’ कहे जाने वाले शाह अहमद मसूद दफन हैं। लारा के मुताबिक तालिबान ने यहां करीब 5 घंटे तक अपना झंडा फहराए रखा लेकिन उसके बाद उसेहटा दिया गया।
‘पंजशीर की हर घाटी को जीतने के लिए कई लड़ाई लड़नी होंगी’
मलिकजादा का कहना है कि अगर तालिबान को पंजशीर पर कब्जा करना है तो उन्हें हर घाटी को जीतने के लिए दर्जनों बार लड़ाई लड़नी पड़ेगी। उन्होंने बताया है कि USSR भी इस सड़क पर आया और 9 साल में 9 बार कुछ अलग-अलग घाटियों तक पहुंचा और हरबार उसे खाली हाथ लौटना पड़ा।