अद्धयात्म

मन में आते हैं बुरे विचार तो करें इस महामंत्र का जाप

meditation-1435321609ज्योतिष शा़स्त्र में कहा गया है कि मन का कारक चंद्रमा है। जैसे राशियों, नक्षत्रों और तारों के बीच चंद्रमा चंचल है, उसी प्रकार मन भी गतिशील है। वह भी अत्यंत चंचल होता है।

पाैराणिक मान्यता के अनुसार, चंद्रमा पर भगवान शिव का अधिकार है। वे ही उसके स्वामी हैं। शिव की पूजा करने से चंद्रमा प्रबल होता है। इससे मन की चंचलता दूर होती है आैर उस पर नियंत्रण कर सकते हैं।

– मन पर नियंत्रण हमें क्रोध पर नियंत्रण, अवसाद से मुक्त रहने, उत्साहित बने रहने, लंबी सोच की ताकत देने, नकारात्मकता को नियंत्रित करने, स्फुरित विचारों पर नियंत्रण, निर्णय लेने की क्षमता में बढ़ोतरी और परिस्थितियों से सामना करने की ताकत देता है।

– चंद्रमा का यह उपचार हमें चिंता से मुक्त रख सकता है। आधुनिक मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है तेजी से दौड़ रही इस दुनिया में अधिकांश बीमारियों का कारण चिंता है।

– एक ओर कहा जाता है कि अगर चिंता न हो तो हम काम करने के लिए प्रेरित नहीं होंगे और दूसरी ओर चिंता अधिक होने पर हम किसी काम को करने लायक नहीं रहेंगे। ऐसे में मजबूत मन या मानसिकता हमें चिंता पर अपेक्षित नियंत्रण का अधिकार देती है।

चंद्रमा पर शिव का अधिकार है। पौराणिक दृश्यों में भी चंद्रमा को शिव के मस्तक पर शोभायमान बताया गया है। शिव की आराधना करने से हमारा चंद्रमा मजबूत होता है।

– इसके लिए ब्राह्मण रुद्र अष्टाध्यायी का पाठ कर शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। हर व्यक्ति रुद्री नहीं कर सकता। ऐसे में आम लोगों को शिव के महामंत्र का जाप करना चाहिए।

– यह मंत्र है – ऊँ नमः शिवाय। हम अपनी आम जिंदगी में इसे इतनी बार और इतने स्थानों पर सुनते हैं कि लगता है कि सामान्य मंत्र है, लेकिन कर्मकांड के प्रकांड ज्ञाताओं से लेकर तांत्रिकों तक का मत है कि यह सर्वश्रेष्ठ और महान मंत्र है।

– किसी के मन को शांति देने के लिए इस मंत्र की एक माला का जप पर्याप्त है। जो जातक मन पर नियंत्रण चाहते हैं वे इस श्रावण मास में रोजाना सुबह अथवा शाम के समय शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल अथवा दूध की धारा प्रवाहित करते हुए इस मंत्र का जाप करते रहें।

 

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