महाशिवरात्रि के दिन पूजन के समय भूलकर भी न करें इन चीजों का इस्तेमाल, भोलेनाथ हो जाएंगे रुष्ट
लखनऊ: भगवान शिव को प्रिय महाशिवरात्रि 2022 का पर्व इस बार 1 मार्च के दिन मनाई जा रही है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ की सच्चे मन से पूजा उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव परिवार की पूजा होती है. भोलेनाथ को इस दिन चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल अर्पित करने चाहिए.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीजें ही पूजा के समय उन्हें भेंट करनी चाहिए. इतना ही नहीं, कहते हैं कि इस दिन घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए. और साथ ही धूप और दीप से आरती करनी चाहिए. मान्यता है कि शिव जी पर गाय का कच्चा दूध अर्पित करना चाहिए. इन सब चीजों को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. भोलेनाथ की पूजा में कुछ चीजों को भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए. आइए जानें.
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ को कुछ चीजें भूलकर भी अर्पित नहीं करनी चाहिए. इससे आपको पूजा का फल मिलने की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है. जानें इन चीजों के बारे में.
शंख
शास्त्रों में उल्लेख है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा में शंख भूलकर भी शामिल न करें. क्योंकि शंखचूर नामक असुर का वध भगवान शिव ने किया था. इसलिए उनकी पूजा में इसे शामिल करने की मनाही होती है.
कुमकुम या रोली
इसके साख ही भगवान शिव को कुमकुम और रोली भूलकर भी न लगाएं.
तुलसी का पत्ता
मान्यता है कि भोलेनाथ को तुलसी का पत्ता भी अर्पित नहीं करना चाहिए. पौराणिक कथा के अनुसार जलंधर की पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी. और भगवान शिव ने जलंधर का वध किया था. और इसी कारण वृंदा ने शिव पूजा में तुलसी के पत्ते इस्तेमाल न करने को कहा था.
नारियल पानी
नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक भूलकर भी न करें.
फूल
भगवान शिव के भक्तों को पूजा के दौरान केतकी और केवड़े के फूल का इस्तेमाल करने की मनाही होती है. साथ ही, कनेर और कमल के फूल के अलावा लाल रंग के फूल भी प्रिय नहीं है.
हल्दी
इस बात का भी ध्यान रखें कि भगवान शिव को भूलकर भी हल्दी अर्पित न करें.