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भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए चार मंत्री मोर्चा संभालेंगे

नई दिल्ली: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने नई रणनीति बनाई है. इसके तहत चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. फिर ये मंत्री यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों से बातचीत और उनको निकालने के प्रबंध कराएंगे. सूत्रों के मुताबिक, इनको भारत का ‘विशेष दूत’ बनाकर भेजा जाएगा.

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इसमें यह फैसला हुआ कि चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. इस मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल भी शामिल थे.

यूक्रेन के पड़ोसी देशों में कौन-कौन से मंत्री जाएंगे

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह निकासी मिशन के समन्वय और छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे. पीएम मोदी ने रविवार को भी ऐसी ही एक मीटिंग की थी. इसमें कहा गया था कि भारतीयों को सुरक्षित निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता है.

यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुई जंग का आज पांचवां दिन है. फिलहाल रूस यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करना चाहता है, लेकिन उसको सफलता नहीं मिली है. सोमवार सुबह भी वहां धमाके सुने गए थे.

वहीं यूक्रेन में बने हालात पर अमेरिका ने अपने नागरिकों को लेकर सलाह जारी की है। जिसमें अमेरिकी नागरिकों को रूस छोड़ने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को स्वदेश लाया जा रहा है। सोमवार की सुबह गुजरात के करीब 100 छात्र गांधीनगर पहुंचे। जहां सीएम भूपेंद्र पटेल ने उनका स्वागत किया। ये छात्र यूक्रेन से मुंबई और दिल्ली में उतरे और वोल्वो बसों से गुजरात लाए गए।

भारतीयों को लेकर भारत आई पांचवीं फ्लाइट

यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया है. इसके तहत छठी फ्लाइट भी भारत में लैंड कर चुकी है. इसके तहत 240 भारतीय लौटकर दिल्ली आए हैं. इनको बुडापेस्ट, (हंगरी) के रास्ते से लाया गया है. इससे पहले पांचवी फ्लाइट सोमवार सुबह भारत आई थी. इसमें 249 भारतीय नागरिकों को लेकर आया गया है. यह फ्लाइट खारेस्ट (रोमानिया) से रवाना हुई थी. भारत आकर एक छात्रा ने कहा, ‘हम वापस आ गए हैं तो हमें बहुत खुशी है. यूक्रेन में हमारे लिए स्थिति बहुत कठिन थी, हम आशाहीन हो गए थे.’

यूक्रेन से दिल्ली आए एक छात्र ने कहा कि सरकार ने हमारी बहुत मदद की है। भारतीय दूतावास द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की गई। सबसे बड़ी समस्या सीमा पार करना है। मुझे उम्मीद है कि सभी भारतीयों को वापस लाया जाएगा। कई और भारतीय अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं।

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