अंतिम चरण के रण में होगी दिग्गजों के दावों की परख, 54 सीटों का परिणाम तय करेगा कद
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में हम धीरे-धीरे पश्चिम से चलकर पूर्वांचल की ओर पहुंच गए हैं। अंतिम दौर का मतदान यहीं पर होना है। यही वह द्वार है जिसे पार करने के लिए छोटे से लेकर बड़े दल दम लगाए पड़े हैं, क्योंकि इसी से उनका कद तय होना है और राजनीतिक हैसियत का आकलन होगा। अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल हो या सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर उनका कद भी यही चरण तय करेगा।
सभी 54 सीटें अहम
अंतिम दौर का मतदान सात मार्च को नौ जिलों की 54 सीटों पर होना है। वैसे तो चुनाव में एक-एक सीट और एक-एक वोट मायने रखता है, लेकिन यह वो 54 सीटें हैं, जिससे नेताओं की पकड़ का पता चलना है। यह पता चलना है कि उनके दावे में कितना दम है। उनके साथ कितने फीसदी कौन सी जातियां हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में 29 भाजपा, 11 सपा, छह बसपा, चार अपना दल (एस), तीन सुभासपा और एक सीट निषाद पार्टी को मिली थी। भाजपा 10, सपा 20, बसपा 14, कांग्रेस छह, सुभासपा तीन और निषाद पार्टी एक सीट पर दूसरे स्थान पर थी।
ओम प्रकाश के दावों का चलेगा पता
सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का वोट बैंक भी इसी चरण में बताया जा रहा है। वह स्वयं गाजीपुर की जहूराबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछला चुनाव भी वो यहीं से जीते थे। बस फर्क यह है कि पिछली बार भाजपा के साथ थे इस बार सपा के साथ हैं। यह चुनाव उनके दावों और राजभर वोट बैंक के साथ होने की हकीकत भी बताएगा। जौनपुर की मल्हनी सीट से बाहुबली धनंजय सिंह जद यू से चुनाव लड़ रहे हैं। इन चुनाव में जीत या हार उनका राजनीतिक कद तय करेगी।