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डायबिटीज के मरीज बेझिझक करें राजमा का सेवन, मिलते हैं ये सभी फायदे

नई दिल्ली : डायबिटीज आजकल के समय में काफी आम समस्या हो गई है. अधिकतर लोग इस समस्या से परेशान है. यह एक लाइलाज बीमारी है जिसे देखभाल के जरिए ही कंट्रोल किया जा सकता है. डायबिटीज होने का मुख्य कारण खराब खानपान और लाइफस्टाइल है. ऐसे में जरूरी है कि ब्लड शुगर लेवल को मेनटेन रखने के लिए आप अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर ज्यादा ध्यान दें. डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लोगों को कई तरह की चीजों से परहेज करना पड़ता है और कुछ चुनिंदा चीजों का ही सेवन करना पड़ता है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि राजमा खाने से भी आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं? राजमा डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए एक हेल्दी मील साबित हो सकता है. कई तरह के पोषक तत्वों, फाइबर और प्रोटीन से भरे राजमा का ग्लाइकेमिक इंडेक्स काफी कम होता है जो आपको पोषण प्रदान करने और शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है.

डायबिटीज के मरीजों के लिए राजमा खाने के फायदे

– राजमा केवल स्वाद में ही अच्छा नहीं होता बल्कि इसे खाने के और भी कई फायदे होते हैं. ये आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है. इसके अलावा यह वजन घटाने और हड्डियों को मजबूत बनाने का भी काम करता है. राजमा के सेवन से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.

– हाई फाइबर से भरपूर होने के कारण इसे खाने के बाद लंबे समय तक भूख का एहसास नहीं होता. इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम की प्रचुरता हड्डियों को मजबूत करने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकती है.

– न्यूट्रिशनिस्ट भुवन रस्तोगी के मुताबिक, राजमा में प्रोटीन के साथ ही उच्च मात्रा में फाइबर की मात्रा भी पाई जाती है. राजमा सभी खाद्य पदार्थों में सबसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स में से एक है, जिस कारण यह शुगर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.

राजमा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

55 से कम होने पर जीआई को लो माना जाता है. राजमा का जीआई 24 होता है, जबकि ओट्स का जीआई 55 होता है. वहीं, गेहूं की रोटी का जीआई 52 होता है.

1 कप राजमा में पाए जाने वाले पोषक तत्व

– 15 ग्राम प्रोटीन (अंडे की सफेदी के समान)

– 1 ग्राम से कम फैट

– 11 ग्राम फाइबर

– 29 ग्राम कार्ब्स (माइनस फाइबर)

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