पटना : बिहार में नरेंद्र मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे उग्र प्रदर्शन के बीच गृह मंत्रालय ने बीजेपी के दोनों उप मुख्यमंत्री समेत 10 नेताओं को अतिरिक्त सुरक्षा दी है। जानकारी के मुताबिक यह सुरक्षा वाई कैटेगरी की होगी और इसकी कमान सीआरपीएफ के हाथ में होगी। जेडीयू से तनातनी के बीच केंद्र सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है। केंद्र के इस फैसले से ठीक पहले बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार सरकार की पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े किए थे।
गौरतलब है कि बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा को टारगेट किया जा रहा है। तीन जिलों में बीजेपी के दफ्तर जला दिए गए लेकिन पुलिस वहां मौन रही। संजय जायसवाल ने कहा कि पुलिस-प्रशासन ने इस मामले में वैसे कार्रवाई नहीं की जिस तरह से करनी चाहिए थी। ना कहीं लाठीचार्ज हुआ और ना ही कहीं आंसू गैस छोड़ा गया।
बता दें कि बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ चौथे दिन भी युवाओं का प्रदर्शन जारी रहेगा। पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन काफी उग्र हो चुका है। प्रदर्शनकारियों ने कई जिलों में जमकर तोड़फोड़ और ट्रेनों तक में आग लगा दी है। यहां तक की प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी सीएम रेणु देवी और बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर पर भी हमला बोल दिया। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालयों में भी आगजनी और तोड़फोड़ की है।
संजय जयसवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेताओं को भीड़ के द्वारा टारगेट किए जाने के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस उग्र नौजवानों को रोकने की कोशिश नहीं करती है. जयसवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस उग्र छात्रों पर ना तो लाठीचार्ज किया और ना ही कोई कार्रवाई की, जिसकी वजह से बीजेपी के कई नेताओं के आवास और बीजेपी के कई दफ्तरों को आंदोलन के दौरान आग के हवाले कर दिया गया.
हालांकि जनता दल यूनाइटेड के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संजय जायसवाल के बयान पर ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है. कुशवाहा ने कहा कि वह अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं.
बीजेपी नेताओं को केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल की सुरक्षा देने से ये साफ लग रहा है कि बिहार सरकार की पुलिस पर उन्हें अब भरोसा नहीं रहा क्योंकि उनकी सुरक्षा में पहले से ही बिहार पुलिस तैनात है. यही नहीं बीजेपी के प्रदेश कार्यालय पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बिहार पुलिस के साथ-साथ वहां अर्द्धसैनिक बल भी तैनात किए गए हैं.
बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. राज्य में अब तक हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ अबतक 138 एफआईआर दर्ज की गई हैं. साथ ही 718 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियो फुटेज के आधार हिंसा करने वालो की पहचान की जा रही है.
बिहार सरकार ने अग्निपथ के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए 15 जिलों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी है. बिहार के 15 जिलों में इंटरनेट सेवा 19 जून तक सस्पेंड रहेगी.