नई दिल्ली : थायराइड(Thyroid) की बीमारी आज के समय में दुनियाभर में बहुत सामान्य समस्या है। हमारे देश में भी थायराइड से हर दिन कई सारे मामले सामने आते हैं। थायराइड रोग पर विभिन्न अध्ययनों से एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 42 मिलियन लोग थायराइड के रोग से पीड़ित हैं। इस बीमारी के चपेट में सबसे ज्यादा औरतें आती हैं। थायराइड एक हार्मोन नियामक (hormone regulator)ग्रंथि होती है। इसमें असंतुलन होने से हार्मोन का जरूरत से ज्यादा या कम उत्पादन होन लगता है।
TSH की नॉर्मल रेंज 0.4 -4.0 mIU/L के बीच होती है। अगर इसका लेवल 2.0 से ज्यादा है, तो हाइपोथायरॉडिज्म और स्तर कम होने पर हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। शुरुआती स्तर पर पहचान हो जाने से इस समस्या को नियंत्रित करने के साथ इससे छुटकारा भी पाया जा सकता है। जबकि देर से पता लगने पर ताउम्र दवा लेनी पड़ती है।
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने थायराइड की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए कुछ आहारों की जानकारी शेयर की है। वह बताती हैं कि यह यह आहार किसी सुपरफूड से कम नहीं है। इसमें थायराइड स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो सभी प्रकार के थायराइड असंतुलन हाइपो, हाइपर और ऑटो इम्यून में फायदेमंद होते हैं।
अमला
आंवला में संतरे से 8 गुना और अनार से करीब 17 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है। यह बालों के लिए सिद्ध टॉनिक है। साथ ही अगर आपकी थायराइड ग्रंथि अतिसक्रिय हो गई है तो आवला थायराइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करके राहत पहुंचाने का काम करता है।
ब्राजील सुपारी
सेलेनियम एक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो शरीर में थायराइड हार्मोन के चयापचय के लिए आवश्यक है। T4 से T3 के रूपांतरण के लिए सेलेनियम की आवश्यकता होती है और ब्राजील नट्स इस पोषक तत्व के सबसे अच्छे प्राकृतिक स्रोतों में से एक हैं। वास्तव में, एक दिन में तीन ब्राजील नट्स आपको इस शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और थायराइड खनिज की एक स्वस्थ खुराक देने के लिए पर्याप्त हैं। यह मैग्नीशियम में भी उच्च है।
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज मैग्नीशियम और जस्ता का एक समृद्ध स्रोत होता है। विशेष रूप से जस्ता शरीर में अन्य विटामिन और खनिजों को अवशोषित करने में मदद करता है। इसके अलावा शरीर में थायराइड हार्मोन के अधिक या कम होने पर संतुलन को भी बढ़ावा देते हैं।
नारियल
नारियल थायराइड के रोगियों के लिए सबसे अच्छे भोजन में से एक है, चाहे वह कच्चा नारियल हो या नारियल का तेल। यह धीमी और सुस्त दोनों तरह के चयापचय असंतुलन में सुधार करने का काम करता है।
मूंग दाल
बीन्स प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिजों का भार होता है। मूंग, अधिकांश फलियों की तरह, आयोडीन प्रदान करता है और मूंग के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह पचाने में सबसे आसान होता है। इसलिए यह थायराइड के अनुकूल आहार के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प होता है जिसका उद्देश्य कम चयापचय दर के प्रभाव को दूर करना है, जो शरीर में कई तरह के विकारों को पैदा करते है।
इन चीजों का भी कर सकते हैं सेवन
एक्सपर्ट बताती हैं कि थायराइड के लिए मटर, पत्तेदार साग, जामुन, गाय का दूध, छाछ का सेवन के फायदेमंद होता है।