रायपुर : प्रदेश के निजी विद्यालयों में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आर.टी.ई.) अंतर्गत विद्यार्थियों को उच्च न्यायालय के पारित निर्णय के अनुक्रम में शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है। जिसके अनुसार नि:शुल्क शिक्षा के साथ-साथ हितग्राही विद्यार्थियों को विद्यालयों के द्वारा नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री भी उपलब्ध कराना अनिवार्य है। परन्तु विभिन्न माध्यमों से यह संज्ञान में आया है कि, कुछ निजी विद्यालयों द्वारा हितग्राही विद्यार्थियों को यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, जो उच्च न्यायालय एवं शासन के आदेशों का उल्लंघन हैं।
संचालक लोक शिक्षण ने सभी संभागीय संयुक्त संचालक को अपने अधीनस्थ जिलों में और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिलों में संचालित निजी विद्यालयों में, जहां आर.टी.ई. अंतर्गत छात्र अध्ययनरत हैं, उन विद्यालयों की मॉनिटरिंग करने और शासन के निदेर्शों का कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा अधिनियम के अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी को उनके कार्य क्षेत्र के भीतर सक्षम अधिकारी घोषित किया गया है। संचालक लोक शिक्षण द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि कोई निजी विद्यालय नियमों का पालन नहीं करता है, या उल्लंघन करता है, तो अधिनियम में प्रावधान अनुसार संबंधित विद्यालय के विरूद्ध कार्रवाई करें।