रायपुर : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज शास्त्री चैक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की। एक प्रकरण की सुनवाई में आवेदिका ने अपनी सामग्री की सूची अनावेदक को दिया है। अनावेदक उन समानों को वापस देने को तैयार है। अनावेदक 6 अगस्त को राजनांदगांव में आवेदिका की सूची में दर्ज समान को देने के लिए तैयार है। दोनो के मध्य समान आदान-प्रदान होने पर इस प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने स्वीकार किया है कि वह 29 जुलाई को आयोग में उपस्थित होगा और आवेदिका एवं उनकी दो बेटियों के लिए 10 लाख रुपए नगद और 10 लाख का तीन चेक पोस्ट डेटेट लेकर उपस्थित होगा। इसके साथ ही जांजगीर के भीमा तालाब के सामने की जमीन के 1/3 हिस्से के जमीन को खरीदेगा और 1/4 हिस्सा खुद का होगा और लिंक रोड़ जांजगीर की 3/4 हिस्सा जमीन का लिखापढ़ी स्वयं करा लेगा। आगामी सुनवाई में इस प्रकरण की निराकृत किया जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदकगण के द्वारा आवेदिका को सामान देने के लिए सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि वह आवेदिका को मठपारा मकान से उनका सामान दे देगा। आयोग द्वारा इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिये कांउसलर नियुक्त किया गया है। कांउसलर द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अपने पूर्व पति के संतान और वर्तमान पति के संतान के साथ अपने मकान में रहना चाहती है। आयोग द्वारा पति पत्नि को 6 माह तक अलग-अलग रहकर अपने संबंधों में सुधार लाने की कोशिश करेंगे। इस मामले का आयोग द्वारा निगरानी किया जायेगा। इसके साथ ही पति पत्नि को अपने लिखित शर्तें लेकर आयोग में उपस्थित होने को कहा गया है। आयोग उनके द्वारा प्रस्तुत शर्तों के आधार पर अस्थायी निर्णय लेगा। दोनों बच्चों के बीच आपसी मेल-मिलाप रखने की बात आयोग द्वारा पति पत्नि को कही गयी ताकि परिवार जुड?े की संभावना बनी रहे।
आयोग के समक्ष प्रस्तुत एक अन्य प्रकरण में श्रमिक पति के मृत्यु हो जाने के बाद उनकी दूसरी पत्नि को एक लाख रुपए राशि मिलने वाली है। इस पर अनावेदिका पहली पत्नि ने सौतन को सामानों की उधारी का जो पैसा है उसे देने को कहा जिसे दूसरी पत्नि ने स्वीकार की है। इसी तरह आयोग की समझाईश पर अनावेदिका सौतन आवेदिका को आयोग के समक्ष 42 हजार 5 सौ रुपए देना स्वीकार की है। आगामी सुनवाई में इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में पति को समझाईश दिया गया कि उसकी मां आवेदिका के जिन्दगी में किसी भी प्रकार से दखलन्दाजी नही करेगी। अनावेदक अपने ऊपर वाले मकान में पत्नी के साथ रहने को तैयार है। आयोग की ओर से पति-पत्नी के मध्य आपसी सहमति से समझौतानामा बनवाया जायेगा। आगामी सुनवाई में पति-पत्नी के मध्य हुये समझौतानामा आने के बाद इस प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में विधवा बहु ने सास के विरूद्ध भरण पोषण नही करने की शिकायत की थी। आयोग द्वारा सास और बहु को समझाईस देने पर दोनो साथ रहने को तैयार हुई। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। जनसुनवाई में 30 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 8 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।