रायपुर : 48 साल के शिवनारायण कोरिया जिले के रतनपुर के रहने वाले हैं। शिव नारायण को पिछले कुछ समय से कमजोरी महसूस हो रही थी। इन्हें पेट दर्द और कमर दर्द की समस्या थी। इन्होंने रतनपुर के हाट बाजार में उपस्थित मोबाइल मेडिकल यूनिट में अपनी जांच कराई। हाट बाजार क्लीनिक में उनके बीपी, शुगर तथा हीमोग्लोबिन की जांच की गई। जांच में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम पाए जाने पर डॉक्टरों ने शिव नारायण को नि:शुल्क दवाइयां दी तथा खानपान के सम्बन्ध में सलाह भी दी। अब शिव नारायण तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं और पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं।
इसी तरह से कोरिया जिले के ही रहने वाले 51 वर्षीय मोहित विश्वकर्मा हाई बीपी और सिर दर्द की समस्या से पीड़ित थे। इनका कहना है कि हाट बाजार क्लीनिक में डॉक्टरों द्वारा दी गयी दवाइयों से इन्हें राहत मिली है और अब ये नियमित रूप से हाट बाजार में अपना इलाज करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की आसान पहुंच के लिए हाट बाजार क्लिनिक योजना की शुरूआत की थी। इसके अंतर्गत साप्ताहिक हाट बाजारों में डेडिकेटेड वाहनों के माध्यम से नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, जांच एवं असरकारक दवाइयों से लोगों को उत्तम स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।
अकेले कोरिया जिले में अब तक 35 हाट बाजारों के माध्यम से लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचायी जा रही थीं। इनकी लोकप्रियता और बढ़ती मांग को देखते हुए कलेक्टर कुलदीप शर्मा के निर्देश पर वर्तमान में हाट बाजारों की संख्या में वृद्धि की गई है, जिसके तहत 07 नवीन हाट बाजारों को चिन्हांकित किया गया है। अब जिले में कुल 42 हाट बाजारों में मोबाइल मेडिकल यूनिट के द्वारा लोगों का इलाज किया जाएगा। विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के साप्ताहिक हाट बाजार चरचा में प्रत्येक रविवार तथा सलका में मंगलवार, विकासखण्ड भरतपुर के कटवार में गुरुवार, विकासखण्ड खडगवां के पोंड़ी में गुरुवार तथा बंजारीडांड में शनिवार, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के ढुलकु में मंगलवार तथा विकासखण्ड सोनहत के कटगोड़ी में गुरुवार को लोगों को हाट बाजार क्लीनिक के माध्यम से नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
योजना के तहत साप्ताहिक हाट बाजारों में डेडिकेटेड वाहनों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले में आयोजित 608 हाट बाजारों में लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाया। 1 अप्रैल 2022 से अब तक कुल 41 हजार 72 मरीजों का परीक्षण कर उपचार किया गया, जिनमें 41 हजार 163 का टेस्ट कर नि:शुल्क दवाइयां दी गई। वहीं 54 जरूरतमंदों को इलाज हेतु जिला अस्पताल में रेफर किया गया है।