कैलाश सत्यार्थी और लेमा जोबोई ने की ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान की शुरुआत
जयपुर: नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी और लेमा जोबोई ने रविवार को देश में बाल विवाह की बुराई को खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करने के मकसद से ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान की शुरुआत की।
इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार, राजस्थान के विराट नगर के बंजारा समुदाय की बहुलता वाले नवरंगपुरा गांव से सत्यार्थी और जोबोई ने इस अभियान की शुरुआत की। बयान में कहा गया कि इस अभियान में दो करोड़ से अधिक लोगों ने हिस्सेदारी कर बाल विवाह को खत्म करने की शपथ ली।
सत्यार्थी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘बाल विवाह मानव अधिकारों और गरिमा का हनन है, जिसे दुर्भाग्य से सामाजिक स्वीकृति प्राप्त है। यह सामाजिक बुराई हमारे बच्चों, खासकर हमारी बेटियों के खिलाफ अंतहीन अपराधों को जन्म देती है। कुछ सप्ताह पहले मैंने बाल विवाह मुक्त भारत बनाने का आह्वान किया था।”
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लाइबेरिया की लेमा जेबोई ने भी बाल विवाह पर चिंता जताते हुए कहा, ‘‘बाल विवाह वैश्विक स्तर पर एक भयावह बुराई है। हमें मानवाधिकार की हत्या करने वाली इस कुप्रथा का अंत करना ही होगा।”