श्रीलंका में सोशल मीडिया पर धर्म की निंदा पड़ेगी भारी, बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए बनेगा नया कानून
कोलंबोः श्रीलंका सोशल मीडिया पर धर्म की निंदा की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए एक नए विधेयक का मसौदा तैयार कर रहा है। देश के धार्मिक मामलों के मंत्री ने यह जानकारी दी। यह कदम स्टैंड अप कॉमेडियन नताशा एदिरीसूर्या द्वारा धर्म को लेकर कथित रूप से की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद सामने आया है, जिसे उन्होंने ऑनलाइन अपलोड किया था। हालांकि, एदिरीसूर्या ने इसके लिए माफी भी मांगी लेकिन इसके खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई और उन्हें विमान से देश से बाहर जाने की कोशिश के दौरान रविवार को हिरासत में ले लिया गया।
श्रीलंका के बुद्धशासन, धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विदुर विक्रमनायके ने रविवार को कहा कि देश में धार्मिक निंदा की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए जल्द ही एक कानून पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा ‘‘इससे सोशल मीडिया पर धर्म का अपमान करने की घटनाओं पर रोक लगेगी।” एदिरीसूर्या का मामला कोई पहली घटना नहीं है बल्कि इस तरह की और भी घटनाएं हो चुकी हैं। इस महीने की शुरुआत में पादरी जेरोम फर्नांडो पर भगवान बुद्ध पर अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगा था, जो सोशल मीडिया पर आई थीं। राष्ट्रपति रानिल विक्रमिसंघे ने 15 मई को मामले में आपराधिक जांच विभाग को जांच शुरू करने का आदेश दिया था और कहा था कि इस तरह की घटनाएं देश में धार्मिक विवाद पैदा कर सकती हैं।
एदिरीसूर्या की तरह फर्नांडो ने भी माफी मांग ली थी। हालांकि वह सिंगापुर गये और वहां से, अपनी संभावित गिरफ्तारी को रोकने के लिए मौलिक अधिकार संबंधी याचिका दायर कर दी। जनवरी में लोकप्रिय यूट्यूबर सेपाल अमरसिंघे को भगवान बुद्ध के दांत के पवित्र अवशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए हिरासत में लिया गया। यह टिप्पणी अमरसिंघे ने अपने यूट्यूब चैनल पर की थी। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अमरसिंघे की आलोचना की जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अमरसिंघे के यूट्यूब चैनल को करीब 80,000 लोग फॉलो करते हैं।