सीएम स्टालिन का ऐलान, नहीं लगेगा प्रदर्शनकारी किसानों पर गुंडा एक्ट
नई दिल्ली : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार रात ऐलान किया कि तिरुवन्नामलाई जिले में छह किसानों के खिलाफ लगाया गया गुंडा एक्ट रद्द कर दिया जाएगा. दरअसल, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और बीजेपी ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को गुंडा एक्ट के तहत हिरासत में लेने के लिए डीएमके सरकार की आलोचना की. इसके बाद अब सीएम की तरफ से इसे रद्द करने की मांग की है.
दरअसल, तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम लिमिटेड (SIPCOT) राज्य सरकार की एक शाखा है, जो निवेश को बढ़ावा देने का काम करती है. वह तिरुवन्नमलाई जिले में 9 गावों में 3,300 एकड़ कृषि आर्द्रभूमि का अधिग्रहण करना चाहती है. इसे लेकर ही किसानों के जरिए प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे छह किसानों को गुंडा एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया, जबकि 14 अन्य किसानों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए गिरफ्तार किया गया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार ने गुंडा अधिनियम को रद्द करने का फैसला तब किया है. उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए किसानों के परिवारों ने सार्वजनिक निर्माण मंत्री ईवी वेलु को एक याचिका सौंपी है. इसमें कहा गया कि हिरासत में लिए गए किसान भविष्य में बिना वजह सरकारी प्रोजेक्ट का विरोध नहीं करेंगे. याचिका में किसानों की रिहाई की मांग की गई है.
सीएम ने लोगों को समझाने की कोशिश की है कि SIPCOT का विस्तार करने के लिए जो प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, उनसे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए परिवारों के अनुरोध पर जिला कलेक्टर के जरिए किसानों के ऊपर से गुंडा एक्ट हटाया जा रहा है. इससे पहले, एआईएडीएमके और बीजेपी ने मांग की थी कि तमिलनाडु सरकार एक इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध करने पर गुंडा एक्ट के तहत छह किसानों की हिरासत को रद्द करे.